OFK Jabalpur :- जादू-टोने और तंत्र-मंत्र के संदेह में माढ़ोताल क्षेत्र में 71 वर्षीय OFK ओएफके से रिटायर्ड कर्मी की बेरहमी से हत्या कर दी गई। आरोपी उसके ही रिश्ते का पोता लगता है। जिसने तलवारनुमा बका से वार कर जान ले ली।
वारदात का खुलासा करते हुए सीएसपी तुषार सिंह ने बताया कि कटंगी रोड पर रईयाखेड़ा गांव की ये घटना है। गांव का नेतराम अहिरवार (71) OFK ओएफके फैक्ट्री से 2011 में रिटायर्ड हुआ था। उसके तीन बेटे रोशन अहिरवार, तुलसीराम अहिरवार और संजीव अहिरवार की भी शादी हो चुकी है। मझले तुलसीराम की अभी फरवरी में ही शादी हुई है।
दो बेटियां थीं, दोनों की शादी हो चुकी है। फर्नीचर की दुकान में काम करने वाले बड़े बेटे रोशन अहिरवार ने बताया कि वह भी घर आया हुआ था। सोमवार को गेहूं की हार्वेस्टर से कटाई हुई थी। पूरा गेहूं स्कूल के पास रखा हुआ था।
पिता नेतराम अहिरवार, चचेरा पोता संदीप अहिरवार (20) सहित गांव के दो तीन और लोग वहां रखवाली करने गए थे। रात लगभग 11.30 बजे संदीप दौड़ कर मेरे पास आया। और बोला कि खलिहान में बाबा पड़े हैं, उन्हे कुछ हो गया है। और वह देखने भाग, तो पीछे संदीप घर से फरार हो चुका था।
रोशन की बात के मुताबिक वह घर से 150 मीटर दूर खलिहान पहुंचा तो पिता खून से लथपथ हालत में तड़प रहे थे। सिर, चेहरा, हाथ पेट, पीठ सहित कमर से ऊपर 17 से अधिक गहरे घाव थे। उन्होंने बताया कि संदीप ने मारा है।
मौके पर छोटा बेटा संजीव अहिरवार भी भागता हुआ पहुंचा। वह खेत की सिंचाई कर लौटा था। उसने बताया कि उसने कुछ दूरी से संदीप, उसके पिता राजकुमार, आकाश गोटिया ओर परमेंद्र गोटियां को पिता के पास देखा था।
वह दौड़कर पहुंचा तो सभी भाग चुके थे। पिता खून से लथपथ हालत में पड़े थे। अकेले नहीं उठा पाया तो दौड़ कर घर बुलाने गया था। नेतराम को वे शहर के निजी अस्पताल ले गए। जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
संदीप को पुलिस ने दबोचा
टीआई रीना पांडे ने बताया कि संदीप सूचना देने के बाद से फरार था। पुलिस तलाश में जुटी रही। मंगलवार को उसे शारदा विहार में बुआ के घर से दबोचा गया। पुलिस हिरासत में लेकर थाने पहुंची।
वहां पूछताछ में उसने हत्या की वारदात को अंजाम देना स्वीकार किया , बताया कि वह तीन भाई हैं। बड़े भाई की शादी 8 साल पहले और मझले भाई की शादी 4 साल पहले हुई थी। पर दोनों को कोई औलाद नहीं है।
उसे लगता है कि ऐसा बाबा नेतराम के जादू-टोने के चलते हो रहा है। नौवीं को नेतराम के मझले बेटे तुलसी की तबियत खराब हुई थी। पर संदीप को लगता है कि उस पर साया आया था। इससे उसे और गुस्सा आया था। तभी से वह बाबा नेतराम की हत्या करने की ठान चुका था। संदीप के हत्या के बाद घर से फरार होना और दम तोड़ने से पहले नेतराम ने बेटे को उसका नाम बताने से वह पुलिस की रडार पर आ गया।
फिर हिरासत में आने पर उसे सब पूछा गया तो ओसने सब कुछ पुलिस को बात दिया। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त तलवारनुमा बका, खून से सने आरोपी कपड़े आदि जब्त कर लिए हैं। पुलिस ने मर्ग कायम कर पीएम को भिजवा दिया है। सीएसपी तुषार सिंह के मुताबिक प्रकरण में संदीप को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है।
