Vijay Sharma Raipur : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के छत्तीसगढ़ दौरे के बाद सियासी हलकों में हलचल तेज हो गई है। इसकी वजह उनके दंतेवाड़ा में दिए गए एक बयान को लेकर कांग्रेस द्वारा उठाए गए सवाल हैं। दरअसल, अमित शाह ने अपने संबोधन में नक्सलियों को ‘नक्सली भाई’ कहकर पुकारा, जिसके बाद कांग्रेस ने भाजपा पर तीखे हमले शुरू कर दिए।
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कांग्रेस का आरोप: भाजपा और नक्सलियों की सांठगांठ?
Aमित शाह के इस बयान पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “हम पहले से ही कह रहे थे कि भाजपा और नक्सलियों के बीच गुप्त समझौता है। झीरम घाटी हमले में हमारे नेताओं की एक पीढ़ी खत्म कर दी गई थी, और अब अमित शाह उन्हीं नक्सलियों को ‘भाई’ कह रहे हैं। इससे साफ है कि भाजपा और नक्सलियों में कोई न कोई रिश्ता जरूर है।”
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Vijay Sharma विजय शर्मा का करारा जवाब
इस बयान पर छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा Vijay Sharma ने पलटवार किया। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, “अगर कोई नक्सली हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में लौटता है, तो वह हमारा भाई है। लेकिन जो हिंसा जारी रखेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। विकास के बाधक तत्वों को मां दंतेश्वरी भी माफ नहीं करेगी।”
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भाजपा की नीति क्या कहती है ?
भाजपा की नीति हमेशा स्पष्ट रही है—
– जो नक्सली हथियार छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होते हैं, उनका स्वागत है।
– लेकिन जो हिंसा करेंगे, उन्हें कड़ी कार्रवाई का सामना करना होगा।
Vijay Sharma विजय शर्मा ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि विपक्ष सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए इस बयान को गलत तरीके से पेश कर रहा है।
भूपेश बघेल पर भी निशाना
अपने संबोधन में अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि बघेल सरकार ने बस्तर क्षेत्र की उपेक्षा की, जबकि भाजपा सरकार नक्सलवाद को खत्म करने के लिए ठोस कदम उठा रही है।
इस पर कांग्रेस नेता दीपक बैज ने पलटवार करते हुए कहा, “गृह मंत्री का बयान असल में भाजपा के 15 साल के कार्यकाल की विफलताओं को उजागर करता है। जब कांग्रेस सत्ता में थी, तब नक्सलवाद काफी हद तक सिमट चुका था। भाजपा के पास बस्तर के लिए कोई ठोस उपलब्धि नहीं है।”
‘नक्सली भाई’ बयान का असली मतलब क्या है?
‘नक्सली भाई’ बयान का आशय सिर्फ यह था कि सरकार उन नक्सलियों का पुनर्वास करना चाहती है जो हिंसा छोड़कर समाज का हिस्सा बनना चाहते हैं। लेकिन जो हथियार उठाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
भाजपा और कांग्रेस के बीच यह आरोप-प्रत्यारोप राजनीतिक गलियारों में गर्मी ला चुके हैं। अमित शाह के बयान को लेकर कांग्रेस जहां सवाल उठा रही है, वहीं विजय शर्मा ने स्पष्ट कर दिया कि भाजपा की नीति में कोई बदलाव नहीं आया है—जो नक्सली आत्मसमर्पण करेंगे, वे भाई हैं, लेकिन जो हिंसा करेंगे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।