Chhattisgarh में नक्सल विरोधी अभियान: “जब समझाइश से बात नहीं बनती, तो उठाना पड़ता है हथियार” – T.S. Singhdeo

T S Singhdeo अंबिकापुर: छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता T S Singhdeo टी.एस. सिंहदेव ने नक्सलवाद के खिलाफ चल रही सरकारी कार्रवाई पर महत्वपूर्ण बयान दिया है। उनका कहना है कि सरकार शांति के रास्ते पर चलकर नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने की पूरी कोशिश करती है, लेकिन जब यह प्रयास असफल होते हैं, तो कठोर कदम उठाना अनिवार्य हो जाता है।

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सिंहदेव ने इस संदर्भ में प्राचीन काल के युद्धों का उदाहरण दिया, जिसमें भगवान श्रीराम और रावण के बीच हुआ संघर्ष प्रमुख है। उनका कहना था कि श्रीराम ने पहले रावण से शांति की अपील की होगी, लेकिन जब रावण ने बात नहीं मानी, तो अंततः युद्ध हुआ। सिंहदेव ने इसे छत्तीसगढ़ सरकार की नीति से जोड़ते हुए कहा कि सरकार भी नक्सलियों से संवाद, समझौते और पुनर्वास की कोशिश करती है, लेकिन जब हिंसा की कोई गुंजाइश नहीं रहती, तो कार्रवाई करना जरूरी हो जाता है।

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यह बयान ऐसे समय पर आया है जब छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान में तेजी आई है, और हाल ही में कई मुठभेड़ें और गिरफ्तारियां हुई हैं।

T S Singhdeo टी.एस. सिंहदेव ने नक्सलियों के खिलाफ क्या बयान दिया ?

T S Singhdeo टी.एस. सिंहदेव ने स्पष्ट रूप से कहा कि जब शांति और समझाइश से नक्सलियों से बात नहीं बनती, तो सरकार को कठोर कदम उठाने पड़ते हैं। उन्होंने इसे भगवान श्रीराम और रावण के युद्ध से तुलना करते हुए सही ठहराया।

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श्रीराम और रावण के उदाहरण का क्या संदेश था ?

सिंहदेव ने बताया कि श्रीराम ने पहले रावण को शांति का संदेश भेजा था, लेकिन जब रावण ने उनकी बात नहीं मानी, तो युद्ध हुआ। यही नीति आज सरकार नक्सलियों के खिलाफ अपना रही है – पहले शांति, फिर संघर्ष।

यह बयान किस संदर्भ में दिया गया ?

यह बयान छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान की बढ़ती गति के संदर्भ में आया है, जहां हाल के दिनों में कई मुठभेड़ें, गिरफ्तारियां और कार्रवाई हुई हैं।

क्या सिंहदेव ने बातचीत के रास्ते को भी जरूरी बताया ?

जी हाँ, उन्होंने यह भी कहा कि सरकार पहले नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश करती है। शांति, समझौता और पुनर्वास के प्रयास होते हैं, लेकिन जब ये प्रयास विफल हो जाते हैं, तो सख्त कदम उठाने की आवश्यकता होती है।

क्या यह बयान सरकार की नीति का समर्थन करता है ?

हां, टी.एस. सिंहदेव T S Singhdeo ने इस बयान के जरिए स्पष्ट रूप से यह संकेत दिया है कि वे सरकार की वर्तमान नक्सल नीति का समर्थन करते हैं, जिसमें शांति प्रयासों के साथ-साथ आवश्यक कार्रवाई भी शामिल है।

नक्सल विरोधी अभियान को लेकर सरकार की नीति का क्या है उद्देश्य ?

सरकार का उद्देश्य नक्सलवाद को समाप्त करना और प्रभावित क्षेत्रों में शांति बहाल करना है। इसके लिए, शांति की पहल के साथ-साथ नक्सलियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है, ताकि हिंसा का अंत हो सके और समाज की मुख्यधारा में उनका पुनर्वास हो सके।

नक्सल समस्या पर सरकार की नीति पर आपकी क्या राय है ?

यह नीति न केवल नक्सलियों से निपटने के लिए जरूरी है, बल्कि समाज में शांति और विकास को सुनिश्चित करने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

टी.एस. सिंहदेव T S Singhdeo का यह बयान छत्तीसगढ़ की नक्सल समस्या के समाधान के लिए एक सकारात्मक दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें शांति के प्रयासों के साथ-साथ जरूरत पड़ने पर कठोर कार्रवाई भी जरूरी है।