Social Media Suicide :- पहले सुसाइड करने वालों को नेम और फेम अखबारों से मिलता था। Social Media सोशल मीडिया पर सुसाइड करने की बढ़ती घटनाएं बेहद चिंताजनक है। सुसाइड के दौरान सोशल मीडिया का इस्तेमाल बढ़ रहा है। लोग सुसाइड से पहले व्हाट्सएप पर चैट करते हैं सुसाइड का वीडियो बनाते हैं और मोबाइल से सुसाइड नोट मैसेज भी कर रहे हैं।
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हिंदुस्तान के दिल कहे जाने वाले मध्यप्रदेश में सोशल मीडिया पर जा कर लाइव सुसाइड करने का ट्रेन बढ़ता जा रहा है। खंडवा, सतना, भोपाल, इंदौर शहर में हर दिन सोशल मीडिया पर साइट के मामले बढ़ते जा रहे हैं।
हाल ही में नीमच जिले के डायली गांव में प्रेमी जोड़ों ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, फांसी से पहले उन्होंने गले में फंदा डालकर वीडियो बनाया था। जिसमें अपनी मर्जी से आत्महत्या करने की बात कही थी चिकित्सकों के अनुसार सोशल मीडिया पर सुसाइड करने वाला दुनिया को दिखाना चाहता है कि उसे कितना दर्द है। लेकिन यह तरीका गलत है।
इसे रोका जा सकता है, हर समस्या का समाधान है, परिवार और करीबी लोग इन घटनाओं को रोक सकते हैं। अब वे मरने से लाइव वीडियो बनाकर मरने के बाद और ज्यादा मशहूर होना चाहते हैं। ऐसे लोग अटेंशन सीकर होते हैं। यहां पर्सनालिटी सिंड्रोम है।
लाइव वीडियो बनाकर आत्महत्या करने वाला व्यक्ति अपने परिवार, दोस्तों रिश्तेदारों की सहानुभूति हासिल करना चाहता है। ऐसे वीडियो बनाकर या तो वह करीबियों को बदनाम करना चाहता है, या उनकी सहानुभूति पाना चाहता है। उसे लगता है कि मरने के बाद चर्चा में रहेगा।
“सुसाइड करने से पहले व्यक्ति खुद ही देने लगता है संकेत”
• इस समस्या से जूझने वाले लोग हमेशा उदास रहते हैं।
• उन्हें हर समय नकारात्मक ख्याल आते हैं।
• किसी भी परिस्थितियों के सामने खुद को असहाय महसूस करते हैं।
• लोग जरूरत से ज्यादा बात बात पर गुस्सा होते हैं।
• भविष्य को लेकर आशंकित रहते हैं।
• उन्हें नींद नहीं आती बार-बार चलते हुए गिर जाते हैं।
• ऐसे लोग अकेले रहने पसंद करने लगते हैं।
• सामाजिक गतिविधियों से बसते हैं।
• किसी काम में दिलचस्पी खत्म होने लगती है।