Russia and Ukraine :- रूस और यूक्रेन में जारी महायुद्ध के कारण पढ़ाई अधूरी छोड़ भारत लौट रहे छात्र भविष्य को लेकर चिंतित हैं। यूक्रेन के हालातों के बाद सबसे बड़ा सवाल यही हैं, कि अब इनकी पढ़ाई का क्या होगा? क्या अब छात्रों के डॉक्टर बनने का सपना पूरा हो पाएगा या नहीं।
कई साल तक पढ़ाई की, ऐसे में MBBS की डिग्री मिल पाएगी या नहीं? जंग के बीच से 18 हजार छात्रों को वापस लेन के लिए मोदी सरकार और प्रदेश की सरकार युद्ध स्तर पर अभियान चला रही है। जो छात्र लौट आए है। उनकी युद्ध की यादें खौफनाक है। छात्रों की पढ़ाई भारत में ही पूरी करने को लेकर मोदी सरकार योजना बना रही है।
तो वही युद्ध से लौटे छात्रों का कहना है, कि भारत सरकार की मदद से वे सुरक्षित आ पाए है। संकट की घडी में भारतीय होने के नाते हमें कोई भी नुकसान नहीं पहुंचाया गया। भारत की मजबूत सरकार के कारण हमारी राह आसान हुई।
बताया जा रहा है, कि छात्र (Russia and Ukraine) यूक्रेन की जिन यूनिवर्सिटी से मेडिसिन की पढ़ाई कर रहे थे। इस युद्ध में उनमें से कई विश्वविद्यालय नष्ट हो चुके हैं। लेकिन ऐसे में इन विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों को डिग्री मिलेगी या नहीं, यह अभी तय नहीं है, और न ही इन सवालों का जवाब देने वाला कोई है।
अब यूक्रेन से लौटकर आये इन सभी छात्रों की आखिरी उम्मीद अब सिर्फ भारत सरकार पर टिकी हुई है। अब छात्रों का कहना है, कि हमरे माँ बाप ने उन्हें पढ़ाने के लिए घर की जमा पूंजी भी लगा खत्म कर दी है।
अब उन्हें अपने भविष्य की चिंता सता रही है। और हम सुब में से कुछ छात्र इस बार फाइनल परीक्षा की तैयारी में व्यस्त थे। हमें से प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों ने आगे की पढ़ाई के लिए बैंक से ऋण के लिए आवेदन कर चुके था।
