Raipur Model Code of Conduct: छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के सफलतापूर्वक संपन्न होने के बाद आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) को पूरी तरह से हटा दिया गया है। अब प्रदेश में रुके हुए विकास कार्य, प्रशासनिक स्थानांतरण (ट्रांसफर) और पदोन्नति (प्रमोशन) की प्रक्रिया फिर से शुरू हो सकेगी। इस संबंध में निर्वाचन आयोग ने आधिकारिक आदेश जारी कर दिया है।
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आदर्श आचार संहिता क्या है और कब लागू होती है?
Raipur Model Code of Conduct आदर्श आचार संहिता चुनाव आयोग द्वारा लागू किए जाने वाला एक नियमों का सेट है, जिसका उद्देश्य स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराना होता है।
कब प्रभावी होती है?
जब भी चुनाव आयोग किसी भी स्तर (लोकसभा, विधानसभा, निकाय या पंचायत चुनाव) की चुनाव तिथियों की घोषणा करता है, तभी से आचार संहिता लागू हो जाती है और चुनाव प्रक्रिया समाप्त होने तक प्रभावी रहती है।
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कहाँ लागू होती है?
यह केवल उन क्षेत्रों में प्रभावी होती है, जहाँ चुनाव हो रहे होते हैं। यह सभी राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों, सरकारी प्रशासन और अधिकारियों पर लागू होती है।
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आदर्श आचार संहिता के मुख्य नियम: Raipur Model Code of Conduct
नई घोषणाओं पर रोक
- सरकार चुनाव अवधि में नई योजनाओं, नीतियों या परियोजनाओं की घोषणा नहीं कर सकती।
- लोकलुभावन वादे या घोषणाएँ, जो मतदाताओं को प्रभावित कर सकती हैं, प्रतिबंधित होते हैं।
जातिगत और धार्मिक प्रचार पर प्रतिबंध
- किसी भी राजनीतिक दल को धर्म, जाति या संप्रदाय के आधार पर वोट मांगने की अनुमति नहीं होती।
- भड़काऊ भाषणों और विवादित बयानों पर सख्त प्रतिबंध होता है।
सरकारी संसाधनों का उपयोग निषिद्ध
- सरकारी भवन, वाहन और अधिकारी चुनाव प्रचार में इस्तेमाल नहीं किए जा सकते।
- राजकीय धन का उपयोग प्रचार के लिए करना पूरी तरह से वर्जित है।
उल्लंघन पर दंड का प्रावधान
- यदि कोई उम्मीदवार या दल आचार संहिता का उल्लंघन करता है, तो चुनाव आयोग नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांग सकता है।
- गंभीर मामलों में उम्मीदवार का नामांकन रद्द किया जा सकता है।
- कुछ स्थितियों में कानूनी कार्यवाही भी संभव है।
आचार संहिता क्यों जरूरी है?
चुनाव में निष्पक्षता बनाए रखने और लोकतंत्र की मजबूती के लिए आचार संहिता बेहद आवश्यक होती है। यह सुनिश्चित करती है कि –
✔ सभी राजनीतिक दलों को बराबरी का मौका मिले।
✔ सत्ताधारी दल किसी अनुचित लाभ का इस्तेमाल न कर सके।
✔ मतदाता बिना किसी दबाव, प्रलोभन या भय के स्वतंत्र रूप से मतदान कर सके।
अब जबकि चुनाव समाप्त हो चुके हैं और आदर्श आचार संहिता हटा दी गई है, प्रदेश में रुके हुए विकास कार्यों को गति मिलने की उम्मीद है।