Raipur रायपुर के ऐतिहासिक बूढ़ा तालाब में बनाए गए पाथ-वे पर चौपाटी खोलने के निर्णय का स्थानीय लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। तालाब परिसर में सुबह और शाम को मॉर्निंग वॉक करने आने वाले लोग इस फैसले से नाराज़ हैं और उन्होंने बैनर-पोस्टर लगाकर इसका विरोध दर्ज कराया है। पाथ-वे, जो सामान्यतः टहलने के लिए इस्तेमाल होता है, अब इसे फूड स्टॉल्स से भरने की योजना है, जिससे यहां आने वाले लोगों की शांति और सेहत प्रभावित हो रही है।
पाथ-वे पर बन रहे फूड स्टॉल्स, लोग हैरान
Raipur जानकारी के अनुसार, जिस पाथ-वे पर लोग नियमित रूप से पैदल चलने के लिए आते हैं, उसी पर लोहे और स्टील के बड़े ढांचे खड़े किए जा रहे हैं। इन ढांचों में फूड स्टॉल्स खुलने की तैयारी है। इस निर्णय से पर्यावरण प्रेमी और मॉर्निंग वॉक के लिए आने वाले लोग चिंतित हैं, क्योंकि उन्हें अब यहां शुद्ध हवा और प्राकृतिक माहौल नहीं मिलेगा।
छात्राओं की प्राइवेसी पर चिंता
Raipur चौपाटी जिस स्थान पर स्थापित की जा रही है, वह दानी गर्ल्स स्कूल के ठीक पीछे है। यहां एक बड़ा ढांचा तैयार हो रहा है, जिसकी छत पर भी चौपाटी खोलने की योजना है। इससे स्कूल और कॉलेज में पढ़ने वाली लड़कियों की निजता पर सवाल उठ रहे हैं। कई लोगों ने इस बात पर भी आपत्ति जताई है कि इस तरह की संरचना छात्राओं की सुरक्षा और प्राइवेसी पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है।
जनप्रतिनिधियों ने भी जताया विरोध
Raipur स्थानीय लोगों के विरोध के बाद जनप्रतिनिधियों ने भी चौपाटी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। रायपुर नगर निगम के सभापति प्रमोद दुबे ने भी बूढ़ा तालाब पहुंचकर इसका विरोध किया। दुबे ने कहा कि रायपुर में कुछ ही ऐतिहासिक तालाब बचे हैं और इन्हें संरक्षित रखना बेहद जरूरी है।
प्रमोद दुबे ने कहा:
Raipur “जहां लोग सुबह-सुबह टहलकर ताज़ी हवा का आनंद ले सकें, वहां पर्यटन विभाग की ओर से चौपाटी लगाना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह तालाब पहले नगर निगम के अधीन था, और जब मैं महापौर था, हमने दुकानें खोलने वाली कंपनी का अनुबंध रद्द कर दिया था। लेकिन अब उसी स्थान पर फिर से चौपाटी खोलने की योजना बनाई जा रही है, जो कि पूरी तरह से अनुचित है।”
तालाब के सौंदर्यीकरण पर खर्च हुए थे 30 करोड़
Raipur रायपुर स्मार्ट सिटी ने लगभग 5 साल पहले बूढ़ा तालाब का सौंदर्यीकरण किया था। इस ऐतिहासिक तालाब के सौंदर्यीकरण पर 30 करोड़ से अधिक खर्च किए गए, जिसमें पाथवे, बाउंड्री, म्यूजिकल फाउंटेन और भव्य गेट शामिल थे। इसके बाद स्मार्ट सिटी ने इसे नगर निगम को सौंपा, जिसने इसे छत्तीसगढ़ पर्यटन विभाग को हस्तांतरित कर दिया।
परिक्रमा पथ और चौपाटी को लेकर विवाद
बूढ़ा तालाब में 2 परिक्रमा पथ बनाए गए थे और वाहनों की आवाजाही को रोक दिया गया था। लेकिन बाद में, नए निर्णय के तहत आम जनता और वाहनों के लिए इसे फिर से खोल दिया गया। पर्यटन विभाग अब वहां चौपाटी खोलने की योजना बना रहा है, जिससे विवाद उत्पन्न हो गया है।
इससे पहले भी तालाब के अंदर नीलाभ उद्यान में चौपाटी खोलने का प्रयास हुआ था, लेकिन एनजीटी में शिकायत के बाद योजना को रोकना पड़ा। कंपनी ने तालाब के पानी के साथ छेड़छाड़ शुरू की थी और बाहर दुकानें बनाने की भी योजना थी, लेकिन व्यापक विरोध के चलते उस ठेके को निरस्त कर दिया गया।
लोग मांग कर रहे हैं चौपाटी का फैसला वापस
स्थानीय निवासियों और जनप्रतिनिधियों ने साफ तौर पर कहा है कि इस तरह के फैसले से शहर की धरोहर को नुकसान पहुंच रहा है। वे चाहते हैं कि तालाब में चौपाटी खोलने का फैसला वापस लिया जाए ताकि लोग यहां खुली हवा में टहल सकें और पर्यावरण को संरक्षित रखा जा सके।