Raipur Fraud में एक डॉक्टर से लगभग 89 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी हो गई। आरोपियों ने गेमिंग कंपनी में निवेश करने पर 40 प्रतिशत मुनाफा देने का झांसा दिया, और डॉक्टर से 88 लाख 75 हजार रुपये ठग लिए। ठगों ने डॉक्टर से 40 से ज्यादा किस्तों में पैसे लिए, लेकिन बाद में मूल राशि भी वापस नहीं की। डॉक्टर ने इस धोखाधड़ी के खिलाफ खम्हारडीह थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
टेलीग्राम से संपर्क कर जाल में फंसाया
खम्हारडीह थाना प्रभारी नरेंद्र मिश्रा के अनुसार, डॉक्टर अषित कुमार ने शिकायत दर्ज कराई कि उनकी मुलाकात आरोपियों से टेलीग्राम के जरिए हुई थी। आरोपियों ने ऑनलाइन रॉयल गेमिंग कंपनी में निवेश करने पर भारी मुनाफा देने का वादा किया। कम निवेश में ज्यादा मुनाफा के लालच में डॉक्टर ने उनके बताए खातों में पैसे ट्रांसफर कर दिए। जब समय पूरा होने पर डॉक्टर ने पैसे वापस मांगे, तो ठगों ने और अधिक निवेश करने को कहा। डॉक्टर ने जब और पैसा नहीं लगाया, तो आरोपियों ने उसका फोन उठाना बंद कर दिया।
चार महीने पहले भी एक डॉक्टर से ठगी
Raipur Fraud में मई 2024 में भी एक डॉक्टर से 2.92 करोड़ रुपये की ऑनलाइन ठगी हुई थी। डॉक्टर ने फेसबुक पर एक विज्ञापन देखकर बड़े मुनाफे के लालच में एक ऐप के जरिए निवेश किया था। ठगों ने डॉक्टर को वर्चुअल रूप से बड़ी रकम दिखाकर कमीशन के नाम पर 25 से 30 बार में बड़ी राशि वसूल ली थी। यह मामला पंडरी थाना क्षेत्र का था।
छत्तीसगढ़ में साइबर ठगी की घटनाएं कई राज्यों के ठगों द्वारा अंजाम दी जा रही हैं:
- झारखंड: जामताड़ा और देवघर से ऑनलाइन ठगी की शुरुआत हुई।
- राजस्थान: भरतपुर में सेक्सटॉर्शन और आर्मी के नाम पर ठगी की घटनाएं।
- हरियाणा: मेवात में इंटरनेट मीडिया के जरिए ठगी।
- उत्तर प्रदेश: मथुरा में सेक्सटॉर्शन और इंटरनेट मीडिया से जुड़े गिरोह।
- दिल्ली-NCR: इंश्योरेंस, ऑनलाइन जॉब, कॉल सेंटर, और नाइजीरियन फ्रॉड के गिरोह।
- बिहार: बांका, बेगूसराय, जमुई, नवादा, नालंदा, गया में केबीसी के नाम पर ठगी।
- पश्चिम बंगाल: आसनसोल-दुर्गापुर में सिम क्लोनिंग और जामताड़ा गिरोह की गतिविधियां।
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साइबर ठग मुख्य रूप से इन समूहों को निशाना बनाते हैं:
- बिजली उपभोक्ता
- बैंक खाता धारक
- व्यापारी
- पेंशनर्स
- ऑनलाइन शॉपिंग ग्राहक
- डॉक्टर और अन्य पेशेवर
साइबर ठगी का शिकार होने पर तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराएं। आप अपनी शिकायत निम्नलिखित तरीकों से भी दर्ज करा सकते हैं:
- cybercrime.gov.in पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें। इस पोर्टल पर “वाणी चैट बॉट” की मदद से भी शिकायत की जा सकती है।
- साइबर फाइनेंशियल क्राइम हेल्पलाइन नंबर 155260 पर कॉल करके भी शिकायत की जा सकती है।
साइबर फ्रॉड रोकने के प्रयास
Raipur Fraud केंद्र सरकार, केंद्रीय दूरसंचार मंत्रालय और छत्तीसगढ़ गृह मंत्रालय मिलकर साइबर अपराधों को रोकने के लिए काम कर रहे हैं। अप्रैल 2024 में जारी रिपोर्ट के अनुसार, छत्तीसगढ़ से जारी सिम कार्ड का उपयोग अन्य राज्यों में साइबर ठगी के लिए किया जा रहा है। इसके बाद पुलिस और मोबाइल कंपनियां सख्त हुई हैं।
एक व्यक्ति को अधिकतम 9 सिम कार्ड जारी किए जा सकते हैं, लेकिन कई लोग 9 से अधिक सिम कार्ड ले चुके हैं। इस पर भी जांच जारी है। रायपुर में ऐसे सैकड़ों लोगों की संख्या है जिन्होंने 9 से अधिक सिम कार्ड ले लिए हैं।
एफआईआर दर्ज करने में आ रही समस्याएं
Raipur Fraud राजधानी में रोजाना 4-5 ऑनलाइन ठगी की शिकायतें दर्ज होती हैं, लेकिन पुलिस ज्यादातर मामलों में एफआईआर दर्ज नहीं करती। कई मामलों में पीड़ित दस्तावेजों की पूरी जानकारी नहीं दे पाते हैं, और कई बार पुलिस खुद एफआईआर दर्ज करने में टालमटोल करती है।
चक्षु एप का लॉन्च
फर्जी मोबाइल नंबरों से साइबर क्राइम रोकने के लिए सरकार ने “चक्षु” एप लॉन्च किया है। अब सिम कार्ड की केवाईसी पूरी तरह ऑनलाइन हो गई है। 1 दिसंबर 2023 से सिम कार्ड की थोक बिक्री पर प्रतिबंध और पीओएस फ्रेंचाइजी का अनिवार्य रजिस्ट्रेशन लागू किया गया है।