OMG – अवैध कब्जे के चलते भगवान शिव की कोर्ट में पेशी, तो रिक्शे पर सवार होकर कोर्ट पहुंच गए भोलेनाथ

Raigad :- मामला है, रायगढ़ Raigad के वार्ड क्रमांक 25 का जहाँ अवैध कब्जे के कारण भगवान शिव को कोर्ट तक जाना पड़ा और कोर्ट में भगवान की पेशी हो गई। इतना ही नहीं उन्हें आगे की तारीख भी दी गई है। शिव मंदिर कहुआकुंडा वार्ड क्रमांक 25 के नाम से सम्मन जारी किया गया था मामला अवैध कब्जे का है… तहसील कोर्ट ने पिछले दिनों 10 लोगों को नोटिस थमाया था।

Raigad इन 10 लोगों में सार्वजनिक शिव मंदिर कहुआकुंडा वार्ड क्रमांक 25 रायगढ़ का नाम शामिल था और नोटिस वहां भी भेजा गया जबकि वहां न कोई पंडित न पुजारी ही है और नहीं किसी भी आमजन का वहां दखल है। फिर भी उस मंदिर के नाम से नोटिस दिया गया है। दिमाग कम अकल जादा वाले अधिकारियों कर्मचारियों वालें तहसील कार्यालय द्वारा।

नोटिस मिलने के बाद पेशी में उपस्थित होने वाले नौ और लोगों जिनको नोटिस दिया गया था। उन्होंने मन्दिर में से भगवान भोलेनाथ (शिवलिंग प्रतिमा) को रिक्शे में अपने साथ रखा और तहसील न्यायालय पहुंच गए लेकिन वहां तहसीलदार निजी उद्योग की जनसुनवाई में व्यस्त थे, जिसकी वजह से भगवान शिव को पेशी के लिए अगली तारीख दे दी गई तहसील अधिकारियों ने पेशी में पहुंचे लोगों को कार्य की व्यस्तता का हवाला दे अगली सुनवाई का नोटिस चस्पा कर दिया

उधर नायब तहसीलदार विक्रांत राठौर पेशी में भगवान के साथ उपस्थित अन्य लोगों को देखते ही ग्रामीण क्षेत्र में कुछ बहुत जरूरी मुद्दे का हवाला देकर तहसील कार्यालय से चले गए सनद रहे सुनवाई की अगली तारीख 13 अप्रैल 2022 दी गई है।

ये था मामला –

वार्ड क्रमांक 25 रायगढ़ निवासी सुधा रजवाड़े ने बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई उसमें कहुआकुंडा शिव मंदिर सहित 16 लोगों पर सरकारी जमीन और तालाब पर कब्जा करने का आरोप है, हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर सुनवाई हुई। कोर्ट ने राज्य सरकार और तहसील कार्यालय को इसकी जांच करने का आदेश दिया हाईकोर्ट के आदेश के बाद तहसील कार्यालय के अधिकारीयों की जांच टीम ने तीन दिनों तक मामले में जांच की तत्पश्चात मामले में कार्यवाही स्वरूप रायगढ़ तहसील कार्यालय के नायब तहसीलदार ने 10 लोगों को नोटिस जारी कर दिया

जिन 10 लोगों के खिलाफ जमीन और तालाब पर कब्जे का आरोप लगाया गया है उन अतिक्रमणकारियों में शिव मंदिर का नाम भी है, जबकि यह शिव मंदिर सार्वजनिक है तहसील कार्यालय के नोटिस में मंदिर के ट्रस्टी, प्रबंधक या पुजारी किसी को संबोधित नहीं किया गया बल्कि सीधे शिव भगवान (मंदिर) को ही नोटिस जारी कर दिया

नायब तहसीलदार रायगढ़ ने 25 मार्च पेशी तारीख तय की तो इस तरह आरोपी भोलेनाथ सहित तहसील न्यायालय में पहुंचे नोटिस में सख्त रूप में स्पष्ट लिखा हुआ है कि यह काम छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत अनाधिकृत है। इसके लिए आपको 10 हजार रुपये का जुर्माना तक अर्थदंड से दंडित कर कब्जारत भूमि से बेदखल किया जा सकता है अब दिमाग कम अकल जादा वाले लोगों के तहसील कार्यालय राजगढ़ में भगवान भोलेनाथ की पेशी 13 अप्रैल को देखेंगे हमलोग।