President Draupadi Murmu राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने संस्कृत के प्रख्यात विद्वान और संत जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी को 58वां ज्ञानपीठ पुरस्कार replica watches प्रदान किया। यह सम्मान समारोह नई दिल्ली में आयोजित किया गया।
President Draupadi Murmu ने इस अवसर best replica watches पर जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी की न केवल साहित्य के क्षेत्र में, बल्कि सामाजिक सेवा में भी उनके अमूल्य योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि रामभद्राचार्य जी cheap Replica Watches uk की साधना, विद्वत्ता और सेवा भाव देशवासियों के लिए प्रेरणास्रोत है।
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President Draupadi Murmu साहित्य और सेवा का अद्भुत संगम
जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी संस्कृत भाषा में उत्कृष्ट रचनाएं करने वाले विरल व्यक्तित्वों में से एक हैं। उन्होंने अपने जीवन को न केवल साहित्य सृजन, बल्कि सामाजिक कल्याण, विशेषकर दिव्यांगजन की शिक्षा और पुनर्वास के लिए समर्पित किया है। वे दृष्टिहीन होने के बावजूद गहन वेद-शास्त्र ज्ञान, अद्वितीय वाणी और कर्मशीलता के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध हैं।
#BreakingNews | President Droupadi Murmu presents the #JnanpithAward to Shri Rambhadracharya at Vigyan Bhavan, New Delhi@rashtrapatibhvn @MIB_India #Rambhadracharya pic.twitter.com/HOdbiRbt8u
— DD News (@DDNewslive) May 16, 2025
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ज्ञानपीठ पुरस्कार: भारत का सर्वोच्च साहित्य सम्मान
ज्ञानपीठ पुरस्कार भारत का सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान है, जो भारतीय भाषाओं में उत्कृष्ट साहित्यिक कार्य करने वाले रचनाकारों को प्रदान किया जाता है। रामभद्राचार्य जी को यह सम्मान संस्कृत साहित्य को समर्पित उनके जीवन-कार्य के लिए प्रदान किया गया।
“जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी का जीवन भारतीय संस्कृति की जीवंत अभिव्यक्ति है। उनकी लेखनी और सेवा, दोनों राष्ट्र की अमूल्य धरोहर हैं।” — राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु
President Droupadi Murmu conferred the 58th Jnanpith Award on Sanskrit scholar Jagadguru Rambhadracharya Ji in New Delhi. The President praised Shri Rambhadracharya Ji for his contribution in both the fields of literature and social service. pic.twitter.com/IgGGzsvWP6
— President of India (@rashtrapatibhvn) May 16, 2025