Police stations :- इस बार तीन थानों की Police stations पुलिस एक निहत्थे निर्दोष पर टूट पड़ी ,जमकर पीटा पिटाई भी ऐसी की चमड़ी उधेड़ दी,कान का पर्दा फाड् दिया और तो ओर लुटा भी रिश्वत भी ली लेकिन एस पी साहब दोषियों पर अब मेहरबान है, ओर औपचारिक कार्यवाही कर मामला दबाने में लगे है।
शिकायतकर्ता पीडित के अनुसार एक धार्मिक कार्यक्रम से पुछताज के नाम पर उस निर्दोष को बेरहमी से पीटा जिसमे 3 थाने की पुलिस शामिल थी। पिटाई ऐसी की शरीर की चमड़ी तक उधेड़ डाली, ओर कान पर्दा फाड़ दिया , हाल ही में 3 साल से ज़्यादा वक़्त होने पर भी जमे राजगढ़ पुलिस अधीक्षक को हटाने के आदेश निर्वाचन आयोग ने भी जारी किए थे, लेकिन बावजूद इसके हर दिन आमजनों पर होती पुलिस की बर्बरता नए नए रुप में सामने आ रही है।
भोपाल पहुचे राजगढ़ पुलिस के पीड़ित ने मुख्यमंत्री व ग्रह मंत्री को शिकायत कर अपने शरीर के जख्म दिखाए,उसके अनुसार राजगढ़ के बोड़ा थाने में शुभम सिसोदिया को एक शिकायती आवेदन पर पुछताज के लिए लाया गया और खुद न्यायधीश बनकर बेरहमी से मारपीट शुरू कर दी, पुलिसकर्मी जब शुभम को बुलाकर लाये तब वह एक निजी कार्यक्रम में था ,ओर से उसे केवल जानकारी लेने का बोलकर वहां से लाये थे लेकिन थाने लाकर बेल्ट और डंडे से की जमकर पिटाई जिसमें शुभम के कान के पर्दे भी फट गए।
अब पीडित की शिकायत पर आखिरकार पुलिस ने एक्शन लेते हुए चार आरक्षको को निलंबित कर कुछ राहत का मलहम पीड़ित के ज़ख्मो पर लगाने की कोशिश की है। ओर बोड़ा थाने के भंवर सिंह परमार, श्याम प्रवीण, वीरेंद्र रावत और गौरव रघुवंशी थाना बोडा को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है। जब राजगढ़ एस पी दोषी पुलीस कर्मियों को अभयदान दिता तो पीड़ित ने मुख्यंन्त्री ओर गृहमन्त्री के साथ आई जी और मानव अधिकार आयोग से न्याय मांगा ,निर्वाचन आयोग ने आदेशो के बावजूद 3 साल से राजगढ़ जमे पुलिस कप्तान आखिर निर्दोषों से मारपीट कर कानून हाथ मे लेते रिश्वतखोरों को बचाकर क्या संदेश देना चाहते है ।