Mohan Yadav मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित दो दिवसीय खनन कॉन्क्लेव के समापन सत्र में उद्यमियों और उद्योग प्रतिनिधियों को संबोधित किया। उन्होंने माइनिंग विभाग को एक चुनौतीपूर्ण विभाग बताया और इसके महत्व को समझाते हुए कहा कि इसीलिए उन्होंने इसे अपने पास रखा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि माइनिंग के क्षेत्र में बहुत सी शिकायतें आती थीं, जिनके समाधान के लिए उन्हें व्यक्तिगत रूप से ध्यान देना पड़ा।
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उन्होंने कहा कि माइनिंग एक संवेदनशील क्षेत्र है और यहां प्रत्येक निर्णय सोच-समझकर लेना पड़ता है। यही कारण है कि माइनिंग विभाग उन्होंने अपने पास रखा। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि वर्तमान में राज्य सरकार को इस क्षेत्र में 20,000 करोड़ रुपये के प्रस्ताव मिले हैं, जो माइनिंग सेक्टर में निवेश का संकेत है। उन्होंने कहा कि सरकार उद्योगपतियों के साथ मिलकर व्यापार और व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए हर महीने इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित कर रही है।
माइनिंग के कारण इकोसिस्टम में बदलाव
मुख्यमंत्री Mohan Yadav ने अपने संबोधन में कहा कि मध्य प्रदेश नदियों का मायका है, और यहां इको सिस्टम बदल रहा है, क्योंकि अब मशीनों के माध्यम से खनन कार्य सीधे किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य में सोना और हीरा जैसे कीमती खनिज भी पाए जा रहे हैं, और पन्ना जिले का नाम भी इसलिए पड़ा क्योंकि यहां हीरे की खदानें हैं।
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प्रधानमंत्री की नीतियों से आया बदलाव
डॉ. मोहन यादव Mohan Yadav ने प्रधानमंत्री की नीतियों की सराहना करते हुए कहा कि उनकी सोच के कारण माइनिंग क्षेत्र में शुचिता आई है। पहले जहां देश आर्थिक संपदा के मामले में पांचवें स्थान पर था, वहीं पिछले दस सालों में इसमें काफी सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकारें बदलती रहती हैं, लेकिन काम करने की शैली और उसे चलाने वाले पर निर्भर करता है कि वे इसे कैसे आगे बढ़ाते हैं।
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खनिज नीति में बदलाव की तैयारी
माइनिंग विभाग के प्रमुख सचिव संजय शुक्ला ने जानकारी दी कि राज्य सरकार सीमेंट सेक्टर में 15,000 से 20,000 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद कर रही है। यह निवेश अगले 4 से 5 सालों में संभव है। उन्होंने बताया कि कॉन्क्लेव में प्राप्त सुझावों को प्रस्तावित खनिज नीति में शामिल किया जाएगा और अनुमोदन के बाद इसे लागू किया जाएगा।
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कॉन्क्लेव में चर्चा के प्रमुख विषय
इस कॉन्क्लेव में खनिज अन्वेषण, खनिज प्रसंस्करण, नई तकनीकों का उपयोग और पर्यावरण सुरक्षा पर भी चर्चा की गई। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग आधारित डिजिटलाइजेशन पर भी विचार-विमर्श हुआ, जो माइनिंग सेक्टर में संभावनाओं के नए द्वार खोल सकता है।
मुख्यमंत्री Mohan Yadav ने अपने भाषण के दौरान भारतीय संस्कृति और प्राकृतिक संसाधनों के दोहन की परंपरा पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति में शोषण के बजाय संतुलित दोहन पर जोर दिया गया है, और यही सोच माइनिंग के क्षेत्र में भी अपनाई जानी चाहिए।