Mohan Yadav News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के पिता, पूनम चंद यादव का मंगलवार को निधन हो गया। उनकी उम्र 95 वर्ष थी। वे पिछले आठ दिनों से उज्जैन के एक निजी अस्पताल में भर्ती थे, जहां उनका इलाज चल रहा था। मुख्यमंत्री मोहन यादव अपने पिता के निधन की खबर सुनकर उज्जैन के लिए रवाना हो गए हैं।
Mohan Yadav News: पूनम चंद यादव को एक संघर्षशील जीवन जीने वाले व्यक्ति के रूप में जाना जाता था। उन्होंने अपने जीवन की शुरुआत मिल में काम करते हुए की थी और समाज सेवा के कार्यों में हमेशा सक्रिय रहे। वे अपने पीछे एक भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं। उनके निधन से परिवार और समाज में शोक की लहर दौड़ गई है।
पूनम चंद यादव अपने चारों बच्चों की शिक्षा और परवरिश में हमेशा समर्पित रहे। उनके पुत्र के मुख्यमंत्री बनने के बावजूद, उन्होंने अपने पुराने तरीके से ही जीवन को जीना पसंद किया। उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में राजनेता, अधिकारी और उनके परिवार से जुड़े लोग उज्जैन पहुंच रहे हैं।
मुख्यमंत्री के पिता को साइकिल चलाने का भी शौक था। वे अक्सर उज्जैन शहर में साइकिल से घूमते हुए दिखाई देते थे, यहां तक कि उनके पुत्र के मुख्यमंत्री बनने के बाद भी। कुछ हफ्ते पहले ही वे साइकिल पर घूमते हुए नजर आए थे। जब लोग उन्हें उनके बेटे के मुख्यमंत्री बनने की बधाई देते थे, तो वे मजाकिया अंदाज में कहते थे, “मोहन तो कुछ न कुछ बनते ही रहता है।”
मुख्यमंत्री Mohan Yadav के पिता की अनोखी आदतें:
डॉ. मोहन यादव जब भी अपने पिता से मिलने घर जाते थे, तो उनके पिता हमेशा घर से बाहर निकलते समय उनके हाथ में शगुन के रूप में कुछ रुपये रख देते थे। पूनम चंद यादव अपने परिवार के सभी सदस्यों को भी इसी तरह कुछ न कुछ राशि देते थे। वे अपनी एकमात्र पुत्री, कलावती यादव, जो कि उज्जैन नगर निगम की सभापति हैं, से भी बहुत प्रेम करते थे।
पूनम चंद यादव के निधन से उनके परिवार और सभी प्रियजनों को गहरा आघात लगा है। वे हमेशा अपने सरल और संघर्षमय जीवन के लिए याद किए जाएंगे।