Maggi noodles जबलपुर में एक ग्राहक ने दावा किया कि उन्होंने एक किराना दुकान से खरीदी गई मैगी नूडल्स में जिंदा कीड़े पाए। पैकेजिंग पर उत्पादन तिथि मई 2024 और एक्सपायरी तिथि जनवरी 2025 दर्ज है। इस घटना की शिकायत उन्होंने नेशनल कंज्यूमर फोरम में की है। ग्राहक के अनुसार, जैसे ही उन्होंने नूडल्स को पानी में डाला, कीड़े तैरने लगे।
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कंटगी क्षेत्र का मामला
Maggi noodles कंटगी क्षेत्र के निवासी अंकित सेंगर ने बताया कि उन्होंने पड़ोस की दुकान से तीन दिन पहले मैगी नूडल्स खरीदी थी। जब उन्होंने नूडल्स को पानी में डाला, तो कीड़े दिखाई दिए। इसके बाद वे तुरंत दुकान पहुंचे, जहां दुकानदार ने कहा कि यह कंपनी का उत्पाद है और उसकी जिम्मेदारी है।
फूड सेफ्टी ऑफिसर लेंगे सैंपल
Maggi noodles दुकानदार के कहने पर अंकित ने रविवार शाम 6:30 बजे नेशनल कंज्यूमर फोरम के हेल्पलाइन नंबर 1800114000 पर शिकायत दर्ज कराई। उन्हें जानकारी दी गई कि मंगलवार को फूड सेफ्टी ऑफिसर उनके घर आकर सैंपल लेंगे। इसके साथ ही नेस्ले कंपनी की टीम भी उनसे संपर्क करेगी।
7 रुपए के 10 पैकेट खरीदे थे
Maggi noodles अंकित के अनुसार, उन्होंने 7 रुपए वाले 10 मैगी नूडल्स के पैकेट खरीदे थे। तीन पैकेट पहले ही बन चुके थे। चौथा पैकेट जब उनकी पत्नी ने बनाने की तैयारी की, तब उनके बेटे ने जिद की कि वह नूडल्स बनाएगा। पत्नी पानी गर्म कर रही थीं और बेटे ने नूडल्स का पैकेट खोलकर पानी में डाल दिया। तब उन्होंने देखा कि पानी में कीड़े तैर रहे हैं। तुरंत ही नूडल्स को एक पॉलिथीन में रख दिया गया।
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2015 में मैगी पर लग चुका है 6 महीने का प्रतिबंध
2015 में मैगी पर तय सीमा से अधिक केमिकल पाए जाने के कारण 6 महीने के लिए पूरे देश में प्रतिबंध लगाया गया था। तब कंपनी को करीब 38,000 टन मैगी नूडल्स वापस मंगाकर नष्ट करनी पड़ी थी। इसके बाद नवंबर 2015 में यह प्रतिबंध हटा लिया गया था।
Maggi noodles मैगी नूडल्स की बिक्री के खिलाफ सरकार की याचिका खारिज
इस साल अप्रैल में नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेसल कमीशन (NCDRC) ने नेस्ले इंडिया लिमिटेड के पक्ष में फैसला सुनाया, जिसमें 2015 की सरकार की याचिका को खारिज कर दिया गया। सरकार ने नेस्ले से 284.55 करोड़ रुपए का मुआवजा और 355.41 करोड़ रुपए का हर्जाना मांगा था, लेकिन अदालत ने इसे स्वीकार नहीं किया।