Kushinagar :- कुशीनगर Kushinagar तमकुहीराज में मस्तान बाबा का दरगाह है जिसकी महिमा सा आपको अवगत करने जा रहे है , बम्बई जिसे मुंबई के नाम से जाना जाता हैं। विमान का गिरना मस्तान बाबा के प्रतिदिन अपना चेहरा आसमान की ओर उठा कर बोलते रहते थे, मानों कि किसी से बातें कर रहे हों एक दिन अचानक बोले देखो बम्बई में जहाज गिर रहा है।
बाबा ने अपनी बातों को तीन से चार बार दोहराए यह उस जमाने की बात है, जिस जमाने में केवल न्यूज़ पेपर और रेडियो ही संचार के दो साधन थे न्यूज़ पेपर भी गिने चुने ही होते थे। गिने चुने लोग ही मंगवाते भी थे। रेडियो केवल पैसे से संपन्न वाले ही लोग रखते थे।
बाबा का करिश्मा ये था, कि सन 1954 में यहां पर बैठे बैठे बम्बई में क्या हो रहा है। वह बता देते थे, अब हम बाबा का दूसरे करिश्मा के बारे में बताने जा रहे है। सन 1955 में उत्तर प्रदेश जिला कुशीनगर तमकुहीराज के गांव हरिहरपुर के उत्तर की ओर स्थिति क्षेत्र आज NH 28 में परिवर्तित हो गया है।
यहां पहले मस्तान बाबा के परिवार का अमरूद का बगीचा था। उसी बगीचे में बाबा चटाई पर हमेशा बैठा करते थे, एक दिन की बात है। अचानक एक विशाल नाग आया और मस्तान बाबा के सामने अपना फन फैलाकर खड़ा हो गया बाबा ने उस नाग से पूछा क्या बात है। तुम मेरे पास क्यों आए हो भूख लगी है क्या , बाबा की आवाज सुन कर नाग ने अपना सर हिलाया मस्तान बाबा अपना दाहिना हाथ उस विशाल नाग की ओर बढ़ा दिए।
नाग ने बाबा के उंगली का अंगूठा अपने मुंह में दबा लिया और कुछ देर तक खून चूसता रहा और थोड़ी देर बाद छोड़ दिया उसके बाद बाबा ने उस नाग से कहा अब आप चले जाइए नाग ने बाबा की बात सुनते ही वापस चला गया
हम अभी आपको मस्तान बाबा का मात्र दो करिश्मा बताए हैं लेकिन बाबा का हजारों करिश्मा है आने वाले 25 अप्रैल 2022 को मस्तान बाबा का उर्स मुबारक में शामिल होकर बाबा का जियारत करें कुशीनगर तमकुहीराज मस्तान बाबा के दरगाह पर आप सभी लोग अवस्य आएं और उनके चमत्कार देखिए
