Jammu and Kashmir film :- जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के विस्थापन और जिहादियों की ओर से उन पर हुए अत्याचारों को लेकर ‘द कश्मीर फाइल्स’ नाम से फिल्म बनी। रिलीज होने के बाद से ही इस फिल्म की काफी वाद-विवाद करने योग्य हो रही है। अब तक देश के पांच राज्य इस फिल्म को टैक्स फ्री करने की घोषणा कर चुके हैं।
वही फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ Jammu and Kashmir film को लेकर राजनीती सियासत भी तेज होती नजर आरही है। फिल्म को लेकर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने आ चुकी हैं। अभिनत अनुपम खेर फिल्म 1990 के दशक में कश्मीरी पंडितों पर हो रहे अत्याचारों पर प्रकाश डालती है।
पिछले कुछ दिनों रिलीज हुई फ़िल्म कश्मीर फ़ाइल्स बॉक्स ऑफिस कर धमाल मचने के बाद रेटिंग में भी अव्वल रही, साथ ही इसे देश भर में दर्शकों ने कभी पसंद भी किया, किसी ने देखा की किस प्रकार कश्मीर में कश्मीरी पंडितो के साथ दुर्वयवहार, पंडितो को मारा उन्हें अपना घर छोड़ने पर मजबूर किया, कुछ लोग के तो फिल्म देखकर आँखो से आसूं नहीं रुके। कश्मीर से प्रवाभित हुए लोगों का दर्द जब परदे पर आया तो, पुरे देश को अंदर तक इस दर्द ने झंझोड़ दिया। इस फिल्म को देखने के बाद कोई पार्टियों ने आंदोलन शुरू कर दिया है।
इतना ही नहीं प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ जमकर तारीफ की है। उन्होंने कहा कि ऐसी फिल्में हर बार बनाई जानी चाहिए। बीजेपी संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि फिल्म में वह सच दिखाया गया है। जो कई सालों तक दबाया गया था।
बीजेपी संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी ने फिल्म कश्मीर फाइल्स का जिक्र करते हुए इसके विरोधियों पर जमकर निशाना साधा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अगर किसी ने उस वक्त हिम्मत के साथ काम करके महात्मा गांधी के जीवन पर फिल्म बनाई होती तो दुनिया के सामने रखी होती तो हम मेसे जिंग कर पाते। और जब पहली बार एक विदेशी ने गांधी फिल्म बनाई और उसे फिल्म को जब ऑस्कर मिला तब जाकर दुनिया को पता चला कि महात्मा गांधी कितने महान व्यक्ति थे।
बीजेपी संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कश्मीर फाइल्स में जो दिखाया गया है। उस सत्य को सालों तक दबाने का प्रयास किया गया था । इस दौरान उन्होंने कहा कि कुछ लोग फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन की बात करते हैं। आपने देखा होगा, इमरजेंसी इतनी बड़ी घटना, कोई फिल्म नहीं बना पाया। कई सत्य ने तो बंद करना का लगातार प्रयास किया गया। जब हमने भारत विभाजन के दिन 14 अगस्त को हॉरर डे के रूप में याद किया तो कई लोगों को बड़ी मुसीबत हो गई। कैसे भूल सकता है देश। कभी कभी उससे कुछ सीखने को भी मिलता है। क्या भारत विभाजन पर कोई ऑथेंटिक फिल्म बनी?