आखिर क्या है isckon का अस्तित्व?

ISKCON :- यू तो पूरा विश्व Iskcon नाम के शब्द से वंचित है. परंतु इसके उद्यम, इसका उपदेश ,इसके कार्य, बहुत कम लोगो को ही मालूम होगा। तो पहले तो यह जान लेते है Iskcon का full form क्या है:International Society for Krishna Consciousness (अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ या इस्कॉन)

स्वामी प्रभुपाद

✓इस्कोकों के संस्थापक और उनका श्री कृष्ण को लेकर मान्यता।

भगवान कृष्ण के संदेश को पूरे विश्व में पहुंचाने के लिए स्वामी “प्रभुपाद” ने इस्कॉन मंदिर की स्थापना की थी. इस्कॉन सनातन धर्म से जुड़ा है । इनके अंदर स्रधा से भरे ज्ञानियों और मुनियों का कहना है ,की श्री कृष्ण भगवान नही बल्कि एक मार्ग दिखाने वाले साधारण मनुष्य या जन्म लेने वाले मानुष है. जिन्होंने अपने कर्मो से युगों – युगों तक अपनी छवि छोड़ी है। जिन्होंने हर उमर में जीने का मार्ग समझाया है। हर परिस्थिति से लड़ने का तरीका समझाया है। जिनके पग चिन्हों पर चल के मानुष जीवन का सही मायने नजर आएगा, ऐसे मानुष (श्री कृष्ण जी) को गुरु का दर्जा दिया है, और आज इस्कॉन को मानने वालो ने अलग से अपना कुल और समूह बना लिए है, जिनका विश्वास एक दिशा का पालन करती है।

✓isckon की स्थापना सब से पहले कहा और कब हुआ।

टेंपल न्यूयॉर्क ,1966

Isckon आज विश्व भर में बहुत से जगह पर मौजूद है। पर जानने वाली बात यह है, कि isckon का सब से प्रथम मंदिर न्यूयॉर्क में सन 1966 में अंग्रेजो द्वारा बनवाया गया था। सोचने वाली बात तो ये है कि हिंदू धर्म और ग्रंथो की महत्त्व हमसे ज्यादा अन्य देश को होती है तो शायद हमारे ग्रंथ में बहुत खास बात है जो पूरा विश्व इसके प्रति खींचा चला आता है। Isckon के विश्व भर में एक लाख (1lac) से अधिक केंद्र बनाए जा चुके है और भारत का सब से बड़ा इस्कॉन मंदिर बैंगलोर में स्थित है। यहा तक पाकिस्तान जैसे कट्टर इस्लामिक देश में भी इस्कॉन ने 12 स्थानों में अपनी जगा बना ली है।

Indore LIG ki tasvir

✓ Isckon के संस्थापक का विचारक

कहा जाता है, की संस्था के स्थापना का विचार सब से पहले वीरों की स्थल झांसी से ही आया था। भागवत गीता जो गुरु रूपी कृष्ण के द्वारा मार्ग दिखाने का साधन है ,उसे इस्कॉन के सदस्यो ने पूरे देश के व्यक्ति तक पहुंचाने का निश्चय किया है। दान ,पुण्य, पाठ,और गौसेवा जैसे अनेक कार्य से व्यक्तियों को जोड़ने का कार्य कर रहे है ,ताकि नेकी की राह से कोई वंचित न रह सके। इनका मानना है के नव युवा पीढ़ी को गीता से जोड़ना है।

गौ सेवा
भजन
भोजन