HIV and AIDS ये सच है की मौत बहाने से आती है और उन बहानों में सबसे आम बहाना होता है बीमारी। हम सभी को जीवन एक बार मिलता है, जिसे हम बेहतर और लम्बा बनाने के लिए हर मुमकिन कोशिश करते हैं पर जीवन और मौत के दरम्यान बीमारी की तलवार हमेशा लटकती रहती है।
इसलिए हम हमेशा बिमारियों से रूबरू होकर उनसे बचने या जीत हासिल करने की फ़िराक में रहते हैं जिससे अपनी उम्र और स्थिति में इजाफा कर लेते हैं। लेकिन इस बात पर गौर करना होगा कि कुछ बीमारियों से जूझ कर भी हम जीने की उम्मीद नहीं खोते पर कुछ बीमारियाँ ऐसी भी हैं जो हमें मारें उसके पहले ही हम दिमागी तौर पर दिन ब दिन मरने लगते हैं। हम ऐसी ही एक बीमारी के बारे में चर्चा करंगे जो जानलेवा होती है ।
आपको बताएंगे कि एड्स कैसे होता है और इसके पीछे क्या कारण होते है। HIV and AIDS एक बेहद खतरनाक और जानलेवा बीमारी के रूप में जाना जाता है। यह बीमारी अगर किसी इंसान को हो जाये तो उसकी म्रत्यु निश्चित हो जाती है। केवल भारत को लिया जाए तो सालाना तकरीबन 80,000 से ज्यादा लोगो की म्रत्यु AIDS के वजह से होती है।
इसलिए इससे बचना है तो यह जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि एड्स क्या है और कैसे होता है? कटनी जिले की बात की जाए तो कटनी में पिछले 6 सालो में 161 पॉजिटिव मरीज ही सामने आए है जिसमे से पुरषों की संख्या 63 और महिलाओं को संख्या 56 फीमेल और 4 बच्चे शामिल है और कुल 16 मौत हो चुकी है और इस बीमारी से बचने के लिए जिले में लगातार जागरूकता अभियान चला इस बीमारी से बचने के उपाय जिला स्वास्थ्य अधिकारी लगातार जनता को बता रहे है।
यानि कि उपार्जित प्रतिरक्षा नाशक रोग समूह, जिसका अर्थ है कि एड्स मनुष्य जाति में स्वाभाविक रूप से शुरू नहीं हुआ बल्कि मनुष्य जाति के अपने ही कुछ कर्मों के कारण उपार्जित हुआ। यह एक संक्रामक रोग है जो कि एच.आई.वी. (ह्यूमनइम्यूनो डेफिशियेन्सी वायरस) नाम के विषाणु के संक्रमण की वजह से होता है।
जब यह विषाणु शरीर में प्रवेश कर जाता है तो ब्लड में पहुंच कर वाइट ब्लड सेल्स में मिलकर उसके DNA में पहुंच जाता है जहां वह विभाजित होता है और रक्त के सफेद कणों पर आक्रमण करता है। धीरे-धीरे यह सफेद कणों की संख्या बहुत कम कर देता है।
उसी कमी या समाप्ति के साथ शरीर की रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता को समाप्त करता है। यह विषाणु शरीर में प्रवेश करने के बाद समाप्त नहीं होता है। और इसी स्थिति को एड्स कहा जाता है। HIV के संक्रमण के कारण पहला कारण एड्स से ग्रसित व्यक्ति के साथ असुरक्षित सेक्स करने से इसके वायरस आपके शरीर मे आ जाते हैं।
यह वायरस किसी के शरीर मे चुम्बन द्वारा भी आ सकता है पर इसकी संभावना कम होती है क्योंकि थूक में HIV का वायरस कमज़ोर होता है और चुंबन करते समय कम से कम 1-2 लीटर थूक एक्सचेंज हो एक दूसरे का तभी संभव है थूक द्वारा HIV/AIDS होना।
दूसरा कारण माँ द्वारा,यदि जन्म देते समय माँ में HIV वायरस मौजूद है तो वह वायरस बच्चे के अंदर आ सकता है। यदि जन्म देने के बाद किसी कारण से माँ के अंदर HIV का वायरस आ जाता है तो यह बच्चे में स्तनपान के द्वारा भी आ सकता है। सही समय पर सही कदम लेने से यह रोका जा सकता है। सही कदम नहीं उठाने के कारण तकरीबन 30% बच्चे जन्म से ही HIV/AIDS से संक्रमित होते हैं।
तीसरा कारण इंजेक्शन,किसी HIV/AIDS के मरीज़ के शरीर मे इस्तेमाल की गई सुई को किसी दूसरे व्यक्ति के शरीर मे इस्तेमाल करने से HIV/AIDS फैल सकता है। तीसरा कारण शल्य चिकित्सा शास्त्र यानी सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट्स जो सर्जरी करने के लिए इस्तेमाल की जाती है, अगर HIV AIDS के मरीज़ के शरीर पर इस्तेमाल की गई हो और उसे बिना अच्छे से साफ किये दूसरे के शरीर मे इस्तेमाल किया जाए तो HIV AIDS फैल सकता है।
इसके अलावा संक्रमित रक्त ,HIV/AIDS एड्स से ग्रसित व्यक्ति का खून बिना जाँच किए किसी को चढ़ा दिया जाए तो उससे भी HIV/AIDS हो सकता है। बदकिस्मती से दुनिया मे HIV को लेकर कई गलतफैमियाँ है इस कारण यह भी जानना जरूरी हो जाता है कि HIV-AIDS किन कारणों से नही फैलता। पहला कीड़े मकोड़ो के काटने से,किसी HIV AIDS के मरीज के मूत्र और पसीने से,शौचालय या स्विमिंग पूल को इस्तेमाल करने से,HIV AIDS के मरीज का टॉवल या कपड़ा इस्तेमाल करने से,HIV AIDS के मरीज़ों को छूने से या साथ काम करने से,HIV AIDS के मरीज के साथ एक थाली में खाने,HIV AIDS के मरीज का किसी के सामने छींकने से या खाँसने से भी HIV AIDS नही फैलता है।