Ganesh Chaturthi गणेश चतुर्थी का हिंदू धर्म में अपना एक अलग स्थान है यूं तो देश के कोने कोने में गणेश चतुर्थी बड़े धूमधाम से मनाई जाति है लेकिन महाराष्ट्र, गोवा वाले क्षेत्रों में इसका अलग ही महत्व अलग ही उत्साह देखने को मिलता है भगवान गणेश का आगमन तो गणेश चतुर्थी के दिन होता है लेकिन भगवान गणेश के आगमन की तैयारियां कई दिन पहले शुरू हो जाती हैं । भगवान गणेश के लिए अलग-अलग थीम के पंडाल तैयार किए जाते हैं, भगवान गणेश की बड़ी-बड़ी मूर्तियां तैयार की जाती हैं,गणेश उत्सव के दौरान लोग इन मूर्तियों को देखने दूर-दूर से आते हैं व प्रसन्न मन से वापस जाते हैं ।
भगवान गणेश का महत्व
हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी Ganesh Chaturthi का पर्व मनाया जाता है। पुराणों के अनुसार इसी दिन ण का जन्म हुआ था।वर्ष 2024 यानी इस साल गणेश चतुर्थी Ganesh Chaturthi पूरे भारत में 7 सितम्बर को मनाई जाएगी। विघ्नहर्ता गणेश गणों के अधिपति एवं प्रथम पूज्य माने जाते हैं, अर्थात सर्वप्रथम इनकी पूजा की जाती है, उनके बाद ही अन्य देवी-देवताओं का पूजन किया जाता है। किसी भी धार्मिक एवं मांगलिक कर्मकांड में श्रीगणेश का पूजन सबसे पहले करने का विधान है, क्योंकि गणेश जी आने वाले सभी विघ्नों व कष्टों को दूर करने वाले विघ्नहर्ता है। गणेश चतुर्थी में 10 दिनों का उत्सव मनाया जाता है। माना जाता है कि गणेश चतुर्थी के दौरान ण पृथ्वी पर ही रहते हैं और अपने भक्तों के कष्टों को दूर करते हैं। गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को घर लाया जाता है और 10 दिनों तक विधि विधान से उनकी पूजा करने के बाद अनंत चतुर्दशी के दिन उनका विसर्जन कर दिया जाता है।
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भगवान गणेश को ‘एकदन्त’ क्यों कहते है
शास्त्रों में वर्णित एक कथा के अनुसार, भगवान परशुराम कैलाश पर्वत पर भगवान शिव जी और माता पार्वती के दर्शन के लिए गए थे। उस समय भगवान शिव व माता पार्वती निद्रा में थे और श्रीगणेश बाहर द्वारपाल के रूप में पहरा दे रहे थे। उन्होंने शिव-पार्वती से मिलने के लिए परशुराम जी को रोका। इस बात पर परशुराम जी रुष्ट हो गए और अंततः उन्होंने अपने परशु से भगवान गणेश का एक दाँत काट दिया। जब से ही गणेश जी को ‘एकदन्त’ के नाम से संसार में जाना गया।
भगवान गणेश विसर्जन
Ganesh Chaturthi गणेश चतुर्थी में 10 दिनों तक लोग बहुत उत्साहित व प्रसन्न रहते है और किसी भी भक्त का भगवान गणेश को विदा कहने का मन नही होता परन्तु भगवान को जाना पड़ता है इसीलिए गणेश चतुर्थी के अंतिम दिन के बाद लोग ढोल,नगाड़ों के साथ झांकियां निकालते हुए नदियों,तालाबों व समंदर में विसर्जन करते है।
Ganesh Chaturthi गणेश चतुर्थी हिन्दू धर्म में आदर्श व उत्साह से भरे त्योहार के रूप में मनाते हैं व यह त्योहार हमारे समाज में सांस्कृतिक धरोहर,भाईचारे व शांति को बढावा देने का संदेश भी देता है साथ ही हमारे समुदाय में एकता और सौहार्द बढ़ता है और हमें पर्यावरण के प्रति भी जागरूक बनाता है।