Collector ने की छात्रों एवं अभिभावकों से अपील स्कूल फीस बढ़ाने पर शाला प्रबंधन से करें सवाल

Collector appeals to students and parents to question school management on school fee hike After the major action taken by the district

Collector जिला प्रशासन ने निजी स्कूलों की मनमानी फीस वृद्धि और पुस्तक विक्रेताओं एवं प्रकाशकों से उनकी साठगांठ के खिलाफ सोमवार को बड़ी कार्यवाही की। इसके बाद कलेक्टर दीपक सक्सेना ने निजी स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों और उनके अभिभावकों से अपील की कि वे फीस वृद्धि पर स्कूल प्रबंधन से सवाल पूछें।

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Collector कलेक्टर सक्सेना ने कहा कि अभिभावकों और छात्रों को शाला प्रबंधन से यह पूछना चाहिए कि क्या उन्होंने आडिट रिपोर्ट शासन द्वारा निर्धारित पोर्टल पर अपलोड की है। इसके साथ ही यह भी जानना जरूरी है कि क्या शाला की वार्षिक प्राप्तियों का आधिक्य मूल प्राप्तियों के 15 प्रतिशत से कम है। कलेक्टर ने जोर देकर कहा कि अभिभावकों और छात्रों को यह भी पूछना चाहिए कि क्या स्कूल प्रबंधन ने औचित्य सहित फीस वृद्धि की सूचना सत्र प्रारंभ होने के 90 दिनों के भीतर दी है और क्या 10 प्रतिशत से अधिक फीस वृद्धि के लिए सक्षम स्वीकृति कलेक्टर या राज्य शासन से प्राप्त की है।

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कलेक्टर ने कहा कि यदि छात्रों और अभिभावकों को इन सवालों का जवाब स्कूल प्रबंधन से नहीं मिलता है, तो उन्हें सीधे सवाल करना चाहिए कि वे किस अधिकार से उन पर आर्थिक बोझ डाल रहे हैं। अभिभावकों को जागरूक करते हुए कलेक्टर ने कहा कि राज्य शासन ने 25 जनवरी 2018 से निजी स्कूलों के लिए फीस वृद्धि के पैमाने तय कर दिए हैं। ऐसे में किसी को भी अपनी कमाई पर अनावश्यक बोझ डालने का मौका नहीं देना चाहिए।

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Collector कलेक्टर ने कहा कि कई निजी स्कूल फीस वृद्धि के मामले में अनुचित तरीके अपना रहे हैं और इसके पीछे पुस्तक विक्रेताओं एवं प्रकाशकों से मिलीभगत भी हो सकती है। इसलिए अभिभावकों को सजग रहकर स्कूल प्रबंधन से पारदर्शिता की मांग करनी चाहिए। कलेक्टर ने बताया कि राज्य शासन ने फीस वृद्धि के संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनका पालन सभी निजी स्कूलों को करना अनिवार्य है।

अभिभावकों को जानकारी देते हुए कलेक्टर ने बताया कि फीस वृद्धि का औचित्य बताते हुए स्कूल प्रबंधन को इसे सत्र प्रारंभ होने के 90 दिनों के भीतर अभिभावकों को सूचित करना होता है। इसके अलावा, यदि फीस वृद्धि 10 प्रतिशत से अधिक हो, तो इसके लिए कलेक्टर या राज्य शासन की स्वीकृति लेना अनिवार्य है।

school management questions about increasing school fees

यदि स्कूल प्रबंधन इन नियमों का पालन नहीं करता है, तो अभिभावकों को इसका विरोध करना चाहिए और सीधे कलेक्टर कार्यालय में शिकायत दर्ज करानी चाहिए। कलेक्टर ने कहा कि प्रशासन अभिभावकों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी प्रकार की अनियमितता पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

कलेक्टर की अपील का मुख्य उद्देश्य अभिभावकों और छात्रों को जागरूक करना है ताकि वे अपनी अधिकारों की रक्षा कर सकें और निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ आवाज उठा सकें। उन्होंने कहा कि अभिभावकों को संगठित होकर अपनी आवाज बुलंद करनी चाहिए ताकि कोई भी स्कूल प्रबंधन उनकी अनदेखी न कर सके।

अंत में कलेक्टर ने आश्वासन दिया कि प्रशासन अभिभावकों के साथ है और किसी भी तरह की अनियमितता की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा का अधिकार सभी का है और इसके साथ कोई भी खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अभिभावकों को सजग रहकर अपने बच्चों के भविष्य के लिए सही कदम उठाने की अपील की।