CBI केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब नीति घोटाला मामले में गिरफ्तार कर तीन दिन की रिमांड पर लिया। CBI ने इस मामले में केजरीवाल की पांच दिन की हिरासत की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने तीन दिन की रिमांड में बदल दिया।
राउज एवेन्यू कोर्ट का आदेश
यह गिरफ्तारी राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अमिताभ रावत के आदेश के बाद की गई, जिसमें सीबीआई को कथित शराब घोटाले में अपनी कार्रवाई को औपचारिक रूप देने की अनुमति दी गई। अदालत में CBI ने दावा किया कि उनके पास पर्याप्त सबूत हैं जो दिखाते हैं कि केजरीवाल ने इस घोटाले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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तिहाड़ जेल में पूछताछ
CBI ने मंगलवार शाम को तिहाड़ जेल में केजरीवाल से पूछताछ की थी। पूछताछ के बाद, CBI ने केजरीवाल को अदालत में पेश किया और उनकी औपचारिक हिरासत की मांग की। सीबीआई की अर्जी में कहा गया कि वे केजरीवाल से और पूछताछ करना चाहते हैं ताकि मामले में और जानकारी जुटाई जा सके।
अदालत की कार्यवाही
अदालत में विशेष लोक अभियोजक डीपी सिंह ने कहा कि जांच करना एजेंसी का विशेषाधिकार है और कानून में यह नहीं कहा गया है कि आरोपी को सूचित किया जाए। सिंह ने कहा, “मैं अनुमति मांग रहा हूं क्योंकि वह हिरासत में है और जांच मेरा विशेषाधिकार है। मैं अरविंद केजरीवाल की औपचारिक हिरासत मांगना चाहता हूं ताकि पूछताछ कर सकूं और औपचारिक गिरफ्तारी कर सकूं।”
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केजरीवाल पर दुर्भावना के आरोप
सीबीआई ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पर “अनावश्यक दुर्भावना के आरोप” लगाने का आरोप लगाया। सिंह ने कहा, “अनावश्यक दुर्भावना के आरोप लगाए जा रहे हैं। हम इन कार्यवाहियों को चुनावों से पहले भी कर सकते थे। मैं (सीबीआई) अपना काम कर रहा हूं और हर अदालत को संतुष्ट कर रहा हूं।”
अग्रिम सूचना का अधिकार नहीं
सिंह ने आगे कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को अग्रिम सूचना का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा, “चलो प्रक्रिया शुरू करें। मुझे उसे लेने की अनुमति दी जाए और फिर मैं अभी गिरफ्तारी को अंतिम रूप दूंगा। उनके पास अग्रिम सूचना का अधिकार नहीं है। आज, जो भी मैं उसकी गिरफ्तारी के बाद मूव करूंगा, उनके पास सभी आवेदन होंगे।”
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सुप्रीम कोर्ट से जमानत याचिका वापस ली
सीबीआई की गिरफ्तारी के बाद, केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में कथित शराब घोटाले में ट्रायल कोर्ट के जमानत आदेश पर दिल्ली उच्च न्यायालय के अंतरिम स्थगन को चुनौती देने वाली अपनी याचिका वापस ले ली।
अवकाश पीठ में न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और एसवीएन भट्टी ने केजरीवाल को अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति दी। केजरीवाल के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि चूंकि उच्च न्यायालय ने 25 जून को एक विस्तृत आदेश पारित किया है, वे एक महत्वपूर्ण अपील दाखिल करना चाहते हैं।
इस पूरे मामले में सीबीआई का कहना है कि वे अपनी जांच को निष्पक्ष और न्यायपूर्ण तरीके से पूरा करेंगे और न्यायालय को संतुष्ट करेंगे कि उनका हर कदम कानून और न्याय के अनुसार है।