BSF Jawan पूरन कुमार साहू पाकिस्तान की हिरासत से रिहा, तीन हफ्तों बाद वतन वापसी

BSF Jawan पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा हिरासत में लिए Rolex submariner replica गए BSF जवान पूरन कुमार साहू की भारत वापसी, भारत-पाक के बीच बनी समझ के बाद हुई संभव।

पाकिस्तान की हिरासत में तीन सप्ताह बिताने के बाद, बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) के जवान पूरन कुमार साहू ने आज सुबह भारत वापसी की। replica Rolex वह 23 अप्रैल को अनजाने में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर गए थे, जिसके बाद उन्हें पाकिस्तान रेंजर्स ने पकड़ लिया था। बुधवार सुबह लगभग 10:30 बजे उन्हें अटारी-वाघा बॉर्डर पर भारत को सौंपा गया।

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BSF Jawan  परिवार को राहत, अधिकारियों ने निभाया वादा

BSF Jawan  इस घटनाक्रम ने जवान के परिवार, खासकर उनकी पत्नी रजनी साहू को भारी राहत दी। रजनी ने फिरोजपुर में जवान की पोस्टिंग स्थल पर जाकर BSF अधिकारियों से मुलाकात की थी और उन्हें वापस लाने की गुहार लगाई थी। अधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि सरकार और बल पूरी कोशिश करेंगे।

भारत-पाक तनाव के बीच बनी “समझ”, फिर संभव हुई वापसी

BSF Jawan  पिछले कुछ सप्ताहों में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर था, खासकर 7 मई को भारत द्वारा लॉन्च किए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद। इस ऑपरेशन में भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद 9 आतंकी शिविरों को नेस्तनाबूद किया, वह भी बिना अंतरराष्ट्रीय सीमा या नियंत्रण रेखा पार किए।

इसके जवाब में पाकिस्तान ने भारत के नागरिक इलाकों और सैन्य ठिकानों पर हमले की कोशिश की, जिससे भारत ने कड़ा जवाब देते हुए पाकिस्तान के 11 एयरबेस पर जबरदस्त हमला किया। रिपोर्ट्स के अनुसार, इसमें पाकिस्तानी वायुसेना की करीब 20% सैन्य संरचना को नुकसान पहुंचा।

इसी बढ़ते तनाव के बीच 10 मई को दोनों देशों के बीच एक “समझौता” हुआ कि वे एक-दूसरे के खिलाफ सैन्य कार्रवाई नहीं करेंगे। इस समझौते के कुछ ही दिनों बाद पूरन कुमार साहू की रिहाई संभव हो पाई।

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तय प्रक्रिया के तहत हुई वापसी

BSF ने एक आधिकारिक बयान में कहा,

“आज सुबह 10:30 बजे BSF जवान पूरन कुमार साहू को अटारी-जॉइंट चेक पोस्ट के माध्यम से भारत को सौंपा गया। यह प्रक्रिया शांतिपूर्ण और स्थापित प्रोटोकॉल के तहत पूरी की गई।”

सीमा पार करना कोई असामान्य घटना नहीं

सीमा पर तैनात जवानों या नागरिकों का गलती से सीमा पार कर जाना नई बात नहीं है। आमतौर पर ऐसी घटनाएं दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच बातचीत से सुलझाई जाती हैं। लेकिन इस बार मामला आतंकवादी हमले और जवाबी कार्रवाई के बीच उलझ गया था, जिससे हालात जटिल हो गए।