Bhopal :- मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य में कानून व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब राज्य की 6 प्रमुख जांच एजेंसियों को अपने कार्यालयों में ही आरोपी को हिरासत में रखने की अनुमति दी गई है। Bhopal गृह विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW), नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB), स्पेशल टास्क फोर्स (STF), अपराध जांच विभाग (CID), लोकायुक्त और साइबर सेल को यह अधिकार प्रदान किया गया है। इसके तहत इन एजेंसियों के कार्यालयों को हिरासत केंद्र घोषित किया गया है।
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Bhopal नई अधिसूचना के मुख्य बिंदु:
- हिरासत केंद्र घोषित: अब इन 6 जांच एजेंसियों के कार्यालय हिरासत केंद्र के रूप में कार्य करेंगे।
- गृह विभाग का आदेश: सरकार ने इसका आदेश जारी कर अधिसूचना भी प्रकाशित कर दी है।
- जांच प्रक्रिया में तेजी: इस निर्णय से जांच एजेंसियों को अधिक स्वतंत्रता और सुविधा मिलेगी जिससे लंबित मामलों का निपटारा तेजी से किया जा सकेगा।
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Bhopal इस फैसले के प्रमुख प्रभाव:
- जांच एजेंसियों की कार्यप्रणाली में सुधार:
- पहले आरोपी को पुलिस हिरासत में रखना पड़ता था, लेकिन अब जांच एजेंसियां अपने कार्यालय में ही आरोपी को रखकर पूछताछ कर सकेंगी।
- इससे जांच में पारदर्शिता और गति आएगी।
- लंबित मामलों की तेजी से जांच:
- कई मामलों में आरोपी को बार-बार हिरासत में लेने की जरूरत होती थी, जिससे जांच में देरी होती थी। अब इस नई व्यवस्था से ऐसे मामलों को जल्दी निपटाने में मदद मिलेगी।
- कानून व्यवस्था को मिलेगी मजबूती:
- अपराधों पर नियंत्रण के लिए जांच एजेंसियों को अधिक अधिकार दिए जाने से अपराधियों पर दबाव बढ़ेगा।
- अपराध पर लगाम लगाने और अपराधियों को जल्द सजा दिलाने में सहायता मिलेगी।
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Bhopal आगे की चुनौतियां और संभावनाएं:
Bhopal इस फैसले के बाद अब यह देखना होगा कि इन एजेंसियों द्वारा इस अधिकार का किस प्रकार से उपयोग किया जाता है। हालांकि, इस नए कदम से एजेंसियों की जवाबदेही भी बढ़ेगी, क्योंकि अब वे सीधे तौर पर हिरासत में लिए गए आरोपी के प्रति उत्तरदायी होंगी।