छत्तीसगढ़ में भारत बंद का असर कम होने की संभावना: चेम्बर ऑफ कॉमर्स ने समर्थन से किया इनकार, BSP ने दिया समर्थन

Bharat Bandh in Chhattisgarh is unlikely to have a widespread impact. The state's leading business organization, the CG Chamber of Commerce and Industries, has refused to support this bandh.

Bharat Bandh छत्तीसगढ़ में प्रस्तावित भारत बंद Bharat Bandh का व्यापक असर नहीं दिखने की संभावना है। प्रदेश के प्रमुख व्यापारिक संगठन छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने इस बंद को समर्थन देने से इनकार कर दिया है। व्यापारियों ने अपनी दुकानों को बंद रखने से मना कर दिया है, जिसके चलते अधिकांश बाजार खुले रहेंगे। दूसरी ओर, छत्तीसगढ़ बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने इस बंद का समर्थन किया है। संगठन ने अपने हर जिला अध्यक्ष को बाजार बंद कराने की जिम्मेदारी दी है।

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Bharat Bandh चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तम गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव, राम मंधान, और मनमोहन अग्रवाल ने छत्तीसगढ़िया सर्व समाज महासंघ और अन्य संगठनों के पदाधिकारियों के साथ रायपुर के चेम्बर भवन में बैठक की। इस दौरान बंद का समर्थन मांगने आए पदाधिकारियों ने बताया कि वे सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरक्षण वर्गीकरण के आदेश के विरोध में भारत बंद का समर्थन चाहते हैं।

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अमर पारवानी ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर इस बंद के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। बिना पूर्व जानकारी के अचानक समर्थन देने से चेम्बर ने इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आकस्मिक बंद से छोटे व्यापारी, रेहड़ी-पटरी वाले, और फल-सब्जी, दूध जैसे कच्चे माल के व्यापारियों को भारी आर्थिक नुकसान हो सकता है। इसलिए, चेम्बर ने अपनी परंपरा के अनुसार, बिना पूर्व सूचना और व्यापारिक संघों की बैठक के, इस बंद का समर्थन करने से असमर्थता जताई।

समर्थन मांगने पहुंचे पदाधिकारी

बैठक में सर्व समाज के सतजन सिंह बीपीएफ अध्यक्ष, श्याम जी प्रदेश अध्यक्ष BSP, लता गेड़ाम प्रदेश सचिव BSP, आर.पी. भतपहरी वरिष्ठ उपाध्यक्ष सर्व समाज, बी.एस. रावटे कार्यकारी अध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज, एम.पी. अहिरवार, ओ.पी. बाजपेयी, और अधिवक्ता संजय गजभिये शामिल हुए। चेम्बर के सलाहकार जितेन्द्र दोशी, परमानंद जैन, और अन्य प्रमुख पदाधिकारियों से इनकी चर्चा हुई।

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क्यों हो रही है भारत बंद की बात?

अनुसूचित जाति और जनजाति आरक्षण में क्रीमीलेयर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ देशभर के विभिन्न संगठनों ने 21 अगस्त को भारत बंद का आह्वान किया है। इस बंद को बहुजन समाज पार्टी (BSP) और भीम आर्मी के साथ-साथ अन्य दलों का समर्थन मिला है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि एससी और एसटी के बीच आरक्षण का वर्गीकरण (सब-क्लासिफिकेशन) किया जा सकता है, जो संविधान के आर्टिकल-341 के खिलाफ नहीं है।

Bharat Bandh भारत बंद का समर्थन करने वाले दल

देशभर के दलित संगठनों ने 21 अगस्त को भारत बंद का आह्वान किया है। इस बंद को बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती, भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद, और भारत आदिवासी पार्टी के मोहन लात रोत का समर्थन प्राप्त है। छत्तीसगढ़ में BSP के पूर्व अध्यक्ष और बस्तर के इंचार्ज हेमंत पोयाम ने बताया कि सभी जिला अध्यक्षों को बाजार बंद कराने की जिम्मेदारी दी गई है।