Balodabazar में सतनामी समुदाय के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव को गिरफ्तार कर लिया है। यादव की गिरफ्तारी उनके निवास से की गई। उनकी गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश देखा गया है।
छत्तीसगढ़ के Balodabazar बलौदाबाजार में सतनामी समुदाय के आंदोलन के दौरान 10 जून को हुई हिंसा के सिलसिले में शनिवार को कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव को गिरफ्तार किया गया। बलौदाबाजार Balodabazar के एसपी विजय अग्रवाल ने बताया कि यादव को दुर्ग जिले में उनके आवास से गिरफ्तार किया गया। यादव की गिरफ्तारी की खबर फैलते ही उनके समर्थक दुर्ग के भिलाई नगर इलाके में उनके आवास के बाहर इकट्ठा होकर नारेबाजी करने लगे। यादव, जो कि कांग्रेस के प्रभावशाली युवा चेहरों में से एक हैं, भिलाई नगर विधानसभा क्षेत्र से दूसरी बार विधायक चुने गए हैं। गिरफ्तारी को लेकर यादव ने भाजपा सरकार पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को झूठे मामलों में फंसाने का आरोप लगाया है।
कांग्रेस विधायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज
अग्रवाल ने बताया कि बलौदाबाजार Balodabazar में हुई आगजनी की घटना के संबंध में कोतवाली थाने में दर्ज मामले के आधार पर यादव को गिरफ्तार किया गया है। उनके खिलाफ धारा 153ए (विभिन्न समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 120बी (आपराधिक साजिश), 147 (दंगा करने की सजा), 186 (सरकारी कर्मचारी को उनके कर्तव्य पालन से रोकना), 353 (सरकारी कर्मचारी के कर्तव्य पालन को रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), 307 (हत्या का प्रयास) और भारतीय दंड संहिता व सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम, 1984 की अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस को सहयोग नहीं करने का आरोप
अग्रवाल ने जानकारी दी कि यादव को स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 20 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया। सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने यादव को कई बार बयान दर्ज करने के लिए बुलाया था, लेकिन उन्होंने इसमें सहयोग नहीं किया। इसके बाद ही उन्हें गिरफ्तार किया गया। बलौदाबाजार Balodabazar के पुलिसकर्मी, दुर्ग के पुलिसकर्मियों के साथ सुबह करीब सात बजे यादव के निवास पर पहुंचे थे। जैसे ही यह खबर फैली, यादव के समर्थक उनकी गिरफ्तारी रोकने के लिए वहां इकट्ठा हो गए और नारेबाजी करने लगे।
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एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने अंततः शाम करीब पांच बजे यादव को हिरासत में लेने में सफलता प्राप्त की। इस वर्ष 15 और 16 मई की रात को गिरौदपुरी धाम में सतनामी समुदाय के पवित्र प्रतीक ‘जैतखाम’ या ‘विजय स्तंभ’ को कुछ अज्ञात लोगों ने नुकसान पहुंचाया था, जिसके बाद जून में व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे।
150 से अधिक वाहनों में लगाई गई थी आग
10 जून को बलौदाबाजार Balodabazar में सतनामी समुदाय के ‘विजय स्तंभ’ की कथित तोड़फोड़ के विरोध में आयोजित प्रदर्शन के दौरान भीड़ ने एक सरकारी कार्यालय और 150 से अधिक वाहनों को आग के हवाले कर दिया था। सतनामी समुदाय द्वारा दशहरा मैदान में आयोजित इस विरोध प्रदर्शन में यादव समेत कांग्रेस के कई नेताओं ने कथित रूप से भाग लिया था।
10 जून की इस घटना के सिलसिले में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (NSUI) और भीम “रेजिमेंट” के सदस्यों सहित लगभग 150 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। गौरतलब है कि बाबा गुरु घासीदास द्वारा स्थापित सतनामी समुदाय छत्तीसगढ़ में सबसे बड़ा अनुसूचित जाति समूह है।
गिरफ्तारी के बाद बोले यादव, “भाजपा से नहीं डरेंगे”
सत्तारूढ़ भाजपा पर हमला बोलते हुए यादव ने कहा कि वह सरकार से नहीं डरते और जनता के हक के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। भिलाई में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बलौदाबाजार आगजनी मामले में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को फंसाने का प्रयास कर रही है। सतनामी समुदाय के युवाओं और निर्दोष लोगों की आवाज उठाने पर सरकार ने मेरे खिलाफ कार्रवाई की है। मैं सरकार से भयभीत नहीं हूँ और कानूनी रूप से इस लड़ाई को लड़ूंगा। यादव ने यह भी दावा किया कि वह पहले भी बलौदाबाजार पुलिस के समक्ष तलब किए जाने पर पेश हुए थे।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यादव की गिरफ्तारी को राजनीतिक प्रतिशोध का उदाहरण बताया और पुलिस से आग्रह किया कि वे राजनीतिक दबाव में आकर कार्रवाई न करें। बघेल ने आरोप लगाया कि इस पूरी घटना में सरकार और पुलिस की भूमिका संदेहास्पद है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के पूर्व विधायक सनम जांगड़े की कथित भूमिका सामने आने के बावजूद, भाजपा के किसी भी सदस्य से न तो पूछताछ की गई और न ही उन्हें गिरफ्तार किया गया।