विक्टोरिया जबलपुर :- अब किसको देंगे दोष डॉक्टर को या दवाई बेचने वाले दुकानदार को जिसके पास दवा ही नहीं है। यह एक जबलपुर विक्टोरिया में अहम मुदा बन चुका है। जहा दवाइयां स्टोर में दवा ही नहीं है। डॉक्टर से लिखी गई दवाइयां मरीजों को कुछ मिल रही है तब तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। जिला चिकित्सालय के दवा स्टोर का मामला सामने आया है।
मरीज़ों ने चिकित्सकों द्वारा लिखी गईं, दवाइयां अस्पताल के स्टोर से न दिए जाने के आरोप लगाते हुए शासन प्रशासन से अस्पताल की व्यवस्थाएं दुरुस्त किए जाने मांग की है। शासकीय जिला चिकित्सालय विक्टोरिया जँहा प्रतिदिन ज़िले और आसपास के इलाकों से गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार के सैकड़ों लोग इस आशा के साथ इलाज कराने आते हैं कि यहाँ अनुभवी चिकित्सकों द्वारा जाँच कर और उन्हें अस्पताल से दवाइयां भी मुफ़्त में मिल जाती हैं।
लेकिन स्थिति यह है कि चिकित्सकों द्वारा दवाइयां तो लिखी जा रहीं हैं लेकिन दवा स्टोर से उन्हें कभी दवाइयां मिलती हैं और कभी दवाइयां न होने का हवाला दे दिया जाता है। जिस से यहाँ इलाज के लिए आने वाले मरीजो को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इलाज कराने आए मरीज के परिजनने बताया कि दवा स्टोर में अस्पताल के ही चिकित्सक द्वारा लिखी गई दवाई नही मिल रही है।
गौरतलब है कि अस्पताल के दवा स्टोर में दवाइयों की उपलब्धता को लेकर आए दिन रोना रोया जाता है। ऐसे में यहाँ इलाज के लिए दूरदराज़ से आने वाले मरीज़ो को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। मरीज़ों के परिजनों ने शासन प्रशासन से अस्पताल की व्यवस्थाएं दुरुस्त किए जाने गुहार लगाई है। तो अब देखने वाली बात है, कि प्रशासन अब इस पर क्या निर्णय देता है मरीजों व मरीजों के परिजन को होने वाली समस्याएं से प्रशासन निकाल पाता है या उन्हें बार-बार दवाइयों के लिए भटकना होगा।