Ranjhi जबलपुर: अनुविभागीय दंडाधिकारी (एसडीएम) रांझी, श्री आर.एस. मरावी द्वारा आज रांझी Ranjhi थाना में फर्जी और गलत दस्तावेजों के आधार पर जारी किए गए जाति प्रमाण पत्रों और महत्वपूर्ण शासकीय दस्तावेजों की हेराफेरी को लेकर बड़ी कार्रवाई की गई। इस मामले में पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।
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एफआईआर में जिन पांच व्यक्तियों के नाम शामिल हैं, वे हैं: मुकेश बर्मन, दिलीप कुमार, सूरज सिंह, अंकित अग्रवाल और अर्चना दाहिया। इन पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं कि इन्होंने मिलकर फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाए और इसका दुरुपयोग कर सरकारी नौकरियां प्राप्त कीं।
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सरकारी नौकरी में फर्जी जाति प्रमाण पत्र का दुरुपयोग
जांच में यह सामने आया कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर मुकेश बर्मन, मध्य प्रदेश पावर जनरेशन कंपनी, रामपुर में सहायक अभियंता के पद पर कार्यरत है। वहीं, दिलीप कुमार और सूरज सिंह ने इसी फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर भोपाल में सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) में सरकारी पद प्राप्त किया।
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फर्जी प्रमाण पत्र बनाने में लोक सेवा केंद्र के कर्मचारी शामिल
इस मामले में केवल फर्जी दस्तावेज बनाने वाले ही नहीं, बल्कि उन्हें तैयार करने और सत्यापित करने में शामिल लोग भी जांच के घेरे में आए हैं। जांच में पता चला कि लोक सेवा केंद्र से जुड़े ठेकेदार अंकित अग्रवाल और ऑपरेटर अर्चना दाहिया ने इन फर्जी प्रमाण पत्रों को बनाने में अहम भूमिका निभाई। इन दोनों पर सरकारी दस्तावेजों में हेरफेर करने और ग़लत तरीके से प्रमाण पत्र जारी करने का आरोप है।
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शासकीय दस्तावेजों की हेराफेरी पर कड़ी कार्रवाई
शासकीय दस्तावेजों से छेड़छाड़ और फर्जी प्रमाण पत्रों के जरिए सरकारी सेवाओं का दुरुपयोग एक गंभीर अपराध है। इस मामले में एसडीएम श्री आर.एस. मरावी ने कठोर कार्रवाई करते हुए सभी पांच आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की संगीन धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई है।
आगे की जांच जारी
इस मामले की विस्तृत जांच की जा रही है और आगे अन्य दोषियों की पहचान के लिए पुलिस और प्रशासन द्वारा साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि फर्जी जाति प्रमाण पत्रों के आधार पर लाभ उठाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और भविष्य में इस तरह की धोखाधड़ी को रोकने के लिए सतर्कता बढ़ाई जाएगी।