Kangana Ranaut बॉलीवुड अभिनेत्री और हिमाचल प्रदेश के मंडी लोकसभा सीट से भाजपा सांसद कंगना रनौत (Kangana Ranaut) को उनकी फिल्म ‘इमरजेंसी’ के लिए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है। इसी के साथ मणिकर्णिका प्रोडक्शन, केंद्र और राज्य सरकार, सेंसर बोर्ड और अन्य संबंधित पक्षों को भी नोटिस भेजा गया है।
Kangana Ranaut :- शनिवार को सिख संगत जबलपुर और श्री गुरु सिंह सभा, इंदौर ने फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए जनहित याचिका दायर की। सोमवार को इस याचिका पर एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने सुनवाई की।
कोर्ट ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान सिख समुदाय ने सेवा कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। गुरुद्वारों से ऑक्सीजन से लेकर भोजन तक की व्यवस्था की गई थी। सिख समुदाय की सेवा भावना पर कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता। मामले की अगली सुनवाई मंगलवार को होगी।
याचिकाकर्ताओं का तर्क: सिख समुदाय की गलत छवि बनेगी
याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में यह तर्क दिया कि फिल्म के ट्रेलर में सिख समुदाय को नकारात्मक और हिंसक रूप में दर्शाया गया है, जिससे उनकी समाज में गलत छवि बन सकती है। फिल्म के एक दृश्य में सिखों को हिंदुओं पर गोली चलाते हुए दिखाया गया है और उन्हें ‘वी वांट खालिस्तान’ और ‘सानू खालिस्तान चाहिए’ कहते हुए दिखाया गया है। याचिकाकर्ताओं के अनुसार, यह सिख समुदाय की छवि को धूमिल करने का प्रयास है।
याचिका इंदौर के सरदार मंजीत सिंह भाटिया और जबलपुर के सरदार मनोहर सिंह द्वारा दायर की गई थी। याचिकाकर्ताओं ने मांग की है कि फिल्म को रिलीज से पहले इंदौर और जबलपुर के सिख पदाधिकारियों को दिखाया जाए ताकि वे फिल्म की सामग्री का आकलन कर सकें।
भाजपा के पूर्व मंत्री का लीगल नोटिस
भाजपा नेता हरेंद्रजीत सिंह बब्बू ने कंगना रनौत को कानूनी नोटिस भेजते हुए उनसे सांसद की जिम्मेदारी निभाने और पद की गरिमा बनाए रखने की नसीहत दी है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की है, क्योंकि उनका मानना है कि फिल्म में सिख समुदाय का गलत चित्रण किया गया है, जिससे देशभर में आक्रोश फैल रहा है।
जबलपुर में विरोध प्रदर्शन
जबलपुर सिख संगत ने कंगना की फिल्म को विवादास्पद बताते हुए विरोध प्रदर्शन किया। शुक्रवार को सैकड़ों लोग रैली निकालकर कलेक्ट्रेट पहुंचे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन सौंपकर फिल्म पर रोक लगाने की मांग की। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को भी इस संबंध में पत्र लिखा है।