Lok Sabha Elections – कल शाम 6.30 बजे तक रहेगी एग्जिट पोल के परिणाम के प्रकाशन पर रोक

Election Commission conducting any kind of exit poll in relation to the election and publishing or publicizing its results in print or electronic media

Election Commission ने चुनाव के दौरान एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल पर सख्त प्रतिबंध लगाए हैं। आयोग की 28 मार्च को जारी अधिसूचना के अनुसार, एक जून की शाम 6:30 बजे तक निर्वाचन के संबंध में किसी भी प्रकार के एग्जिट पोल का आयोजन और उसके परिणामों का प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रकाशन या प्रचार करना प्रतिबंधित रहेगा। आयोग ने यह स्पष्ट किया है कि इस दौरान किसी भी प्रकार के ओपिनियन पोल या मतदान सर्वेक्षण के परिणामों सहित किसी भी निर्वाचन संबंधी मामलों का प्रदर्शन पूर्णतः वर्जित रहेगा।
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लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 126क का प्रावधान

Election Commission  लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 126क के तहत यह प्रावधान किया गया है कि कोई भी व्यक्ति चुनाव के दौरान एग्जिट पोल या ओपिनियन पोल का आयोजन नहीं करेगा और उनके परिणामों का आयोग द्वारा अधिसूचित अवधि के दौरान प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से प्रकाशन, प्रचार या किसी भी प्रकार से प्रसार नहीं करेगा। यह कानून चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है। यदि कोई इस प्रावधान का उल्लंघन करता है, तो उसे दो वर्ष तक की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

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मतदाताओं को प्रभावित करने की संभावना

Election Commission निर्वाचन आयोग का यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल अक्सर मतदाताओं को प्रभावित कर सकते हैं। चुनाव के दौरान इन सर्वेक्षणों के परिणाम मतदाताओं के निर्णयों को प्रभावित करने की संभावना रखते हैं, जिससे चुनाव की स्वतंत्रता और निष्पक्षता पर असर पड़ सकता है। इसके अलावा, चुनावी प्रक्रिया के दौरान किसी भी प्रकार के पूर्वाग्रह या पक्षपात से बचने के लिए आयोग का यह प्रतिबंध आवश्यक है।

निर्वाचन संबंधी जानकारी का प्रसारण वर्जित

अधिसूचना में यह भी स्पष्ट किया गया है कि चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की निर्वाचन संबंधी जानकारी या विश्लेषण जो मतदाताओं को प्रभावित कर सकता है, उसका प्रसारण भी वर्जित रहेगा। इसका उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी बनाना है, ताकि मतदाता बिना किसी बाहरी प्रभाव के अपने मतदान का निर्णय ले सकें।

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मीडिया पर प्रतिबंध और निगरानी

इस प्रतिबंध के तहत, प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल के परिणामों का प्रकाशन या प्रचार करना अवैध होगा। आयोग इस अवधि के दौरान सख्त निगरानी करेगा और उल्लंघनकर्ताओं पर कार्रवाई करेगा। इस प्रकार के कदम से यह सुनिश्चित होगा कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान कोई भी बाहरी कारक मतदाताओं के निर्णयों को प्रभावित न कर सके।

निर्देशों का पालन सुनिश्चित करना

आयोग की इस अधिसूचना का पालन सुनिश्चित करने के लिए सभी मीडिया हाउसों, चुनाव प्रबंधकों और संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। यह कदम चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या धांधली से बचने के लिए भी यह आवश्यक है कि सभी संबंधित पक्ष आयोग के निर्देशों का कड़ाई से पालन करें।

चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करना

इस प्रकार, भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी यह अधिसूचना चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि मतदाता बिना किसी बाहरी दबाव या प्रभाव के अपने मताधिकार का उपयोग कर सकें और चुनाव परिणाम वास्तव में जनता की सच्ची इच्छा को प्रतिबिंबित करें।