PM Sri Ranganathaswamy Temple प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में स्थित श्री रंगनाथस्वामी मंदिर का दौरा किया, जहां उन्होंने भगवान राम की भक्ति में डूबते हुए रामायण के छंदों का सुना पाठ। यह मंदिर तिरुचिरापल्ली के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है और प्रधानमंत्री का इस परिक्रमण महत्वपूर्ण घटना है।
PM Sri Ranganathaswamy Temple प्रधानमंत्री ने मंदिर में पहुंचकर वहां की पूजा-अर्चना में शामिल होकर भगवान रंगनाथस्वामी से आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरे के दौरान एक हाथी ने भी प्रधानमंत्री को आशीर्वाद दिया और माउथ ऑर्गन बजाया, जिससे यह घटना अत्यधिक रोचक बनी। नरेंद्र मोदी ने तिरुचिरापल्ली के रंगनाथस्वामी मंदिर का दौरा करने के साथ ही इतिहास रच दिया, क्योंकि वे यहां जाने वाले पहले प्रधानमंत्री बने।
प्रधानमंत्री ने मंदिर में विद्वानों से मिलकर रामायण के छंदों का पाठ सुना, जिससे उनकी भक्ति और आध्यात्मिक अनुभव में एक नई ऊँचाई आई। इस पूजनीय महकुंभ में उनका सामर्थ्य और अनुभव दिखा गया, जो भारतीय संस्कृति और धार्मिकता के प्रति उनके गहरे समर्पण को प्रमोट करता है।
तिरुचिरापल्ली का श्री रंगनाथस्वामी मंदिर भारतीय सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है और यहां के विभिन्न पूजा पद्धतियां और धार्मिक आचरणों का प्रमोट किया जाता है। प्रधानमंत्री का इस मंदिर का दौरा एक सांस्कृतिक और धार्मिक एकता के प्रति उनके समर्पण को प्रमोट करता है और यह भारतीय सांस्कृतिक धरोहर की महत्वपूर्ण भूमिका को साकार करता है।
इस मंदिर के दौरे के दौरान हाथी द्वारा प्रधानमंत्री को आशीर्वाद मिलने की घटना ने इस घड़ी को अद्वितीय बना दिया। वहां की आत्मीयता और प्रधानमंत्री की आत्म-श्रद्धा ने इस घटना को अद्वितीय बनाया, जिससे भक्तिभाव और आध्यात्मिक विकास के संदेशों को मजबूती से पहुंचाया गया।
प्रधानमंत्री का रामायण के छंदों का पाठ सुनना ने उनकी राम भक्ति को महत्वपूर्ण रूप से दर्शाया और यह भारतीय संस्कृति के मूल्यों और धार्मिकता के प्रति उनके अटूट समर्पण को दर्शाया। इस तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली मंदिर के दौरे ने प्रधानमंत्री की सांस्कृतिक और धार्मिक एकता की अद्भुतता को साबित किया है, जो उनके नेतृत्व के दौरान भारतीय समृद्धि और सांस्कृतिक एकता की सुरक्षा में मदद करेगी।
इस अद्वितीय और पौराणिक पल के दौरान, प्रधानमंत्री ने न केवल श्री रंगनाथस्वामी के मंदिर की विशेषता को महसूस किया, बल्कि भक्ति और समर्पण के साथ रामायण के छंदों का पाठ करके उन्होंने भगवान राम की महत्वपूर्ण कथाओं की गहराईयों में डूब कर एक अनूठा अनुभव किया।