Mumbai :- अगला सप्ताह मुंबई Mumbai के मझगांव डॉकयार्ड में स्वदेशी युद्धपोत निर्माण के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक दिन है। 17 मई को मझगांव डॉकयार्ड में दो स्वदेशी युद्धपोत लॉन्च किए जाएंगे। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह खुद वहां मौजूद रहेंगे। भारतीय वायु सेना के अनुसार, इन दोनों युद्धपोतों को आईएनएस सूरत (यार्ड 12707) और आईएनएस उदयगिरी (यार्ड 12652) के नाम से जाना जाएगा। दोनों युद्धपोतों को नौसेना के नौसेना डिजाइन निदेशालय द्वारा डिजाइन किया गया है।
आईएनएस सूरत भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 15बी की अगली पीढ़ी की स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक है। INS सूरत प्रोजेक्ट 15B का चौथा फ्रिगेट है और प्रोजेक्ट 15A यानी कोलकाता-क्लास विध्वंसक युद्धपोत पर एक बड़ा बदलाव है। प्रोजेक्ट 15B का पहला युद्धपोत, INS विशाखापत्तनम पिछले साल यानी 2021 में भारतीय नौसेना में शामिल हुआ था, जबकि शेष दो, INS मरमुगाओ और INS इंफाल का परीक्षण चल रहा है।
18वीं शताब्दी तक सूरत जहाज निर्माण का प्रमुख शहर था।
आईएनएस सूरत का नाम गुजरात की वाणिज्यिक राजधानी सूरत के नाम पर रखा गया है। सूरत को मुंबई के बाद पश्चिमी भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यावसायिक केंद्र माना जाता है। 16वीं शताब्दी से 18वीं शताब्दी तक सूरत को जहाज निर्माण में एक अग्रणी शहर माना जाता था। यहां बने जहाज 100-100 साल तक समुद्र में काम करते थे।
आईएनएस उदयगिरी भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 17ए का तीसरा युद्धपोत है।
आईएनएस उदयगिरी भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 17ए का तीसरा युद्धपोत है। इस परियोजना के तहत देश में ही कुल 07 युद्धपोत बनाए जाने थे। इनमें से चार का निर्माण एमडीएल, मुंबई में और शेष तीन का निर्माण जीआरएसई, कोलकाता में किया जाना था। इस श्रेणी का एक जहाज, आईएनएस नीलगिरि एमडीएल में और दूसरा, आईएनएस हिमगिरी जीआरएसई में निर्माणाधीन है। नेवी के मुताबिक इस प्रोजेक्ट के तहत बनाया जा रहा युद्धपोत शिवालिक क्लास मिसाइल गाइड फ्रेगेट का फॉलो-ऑन प्रोजेक्ट है। लेकिन इस परियोजना की विशेषताओं में शिवालिक वर्ग की तुलना में बेहतर चुपके, उन्नत हथियार और सेंसर हैं।