Supreme Court :- मध्य प्रदेश में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर Supreme Court सुप्रीम कोर्ट ने आज बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि बिना ओबिसी आरक्षण के चुनाव करवाये जाए। इस फैसले पर कांग्रेस और बीजेपी में बयानबाजी शुरू हो गई है। प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव ने Supreme Court सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि इसे कांग्रेस ने उलझाया है जिसके कारण यह स्थिति निर्मित हुई है।
वहीं कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने आज के दिन को इतिहास में लिखे जाने की बात कही हैं।
प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आज आये फैसले के बाद सियासत गर्मा गई है। इस फैसले के तहत प्रदेश में अब बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव होंगे। कोर्ट ने राज्य सरकार की मांग को दरकिनार करते हुए 15 दिन में पंचायत, नगर पालिका और नगर निगम चुनावों की अधिसूचना जारी करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सरकार कोर्ट के फैसले का अध्ययन कर रही है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की जाएगी।
मुख्यमंत्री के बयान को सही बताते हुए
कैबिनेट मंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि सीएम शिवराज ने स्पष्ट कर दिया है कि हम रिव्यु पिटीशन दायर करेंगे कांग्रेस ने ही इस मामले को उलझाया है। कांग्रेस समय रहते आयोग बनाती तो ये मामला नहीं उलझता हम फैसले का पूरा अध्ययन करके रिव्यु पिटीशन दायर करेंगे हम ओबीसी वर्ग के लिए गम्भीर है। इधर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सामने आने के बाद कांग्रेस विधयाक कृणाल चौधरी ने कहा कि आज का दिन इतिहास में लिखा जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 साल के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आरक्षण को लेकर किस तरह प्रदेश को गुमराह किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को तीन साल से पंचायत और नगर निगम होने वाले चुनाव पर नाराजगी जाहिर दिखाई।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 5 साल में चुनाव करवाना सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी है। 15 दिन में अधिसूचना जारी करें। ओबीसी आरक्षण के लिए तय शर्तों को पूरा किए बिना आरक्षण नहीं मिल सकता। सरकार की ओर से ट्रिपल टेस्ट रिपोर्ट पेश की गई थी। उसमें दावा किया गया था कि मध्य प्रदेश में 48% आबादी अन्य पिछड़ा वर्ग की है। इस आधार पर इस वर्ग को कम से कम 35% आरक्षण मिलना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने रिपोर्ट को अधूरा माना। कोर्ट ने कहा कि बिना ट्रिपल टेस्ट रिपोर्ट के आरक्षण लागू नहीं कर सकते। ऐसे में प्रदेश में अब बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव होंगे। इधर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग भी चुनाव की तैयारियों में जुट गया है।