राजस्थान में आतंक का MP कनेक्शन! सीरियल ब्लास्ट करने के थे खौफनाक मंसूबे

Pink City Jaipur :- पिंक सिटी जयपुर Pink City Jaipur को दहलाने की साजिश रचने वाले कट्‌टरपंथी संगठन ‘सूफा’ का MP कनेक्शन सामने आया है। इस संगठन की नींव मध्यप्रदेश के रतलाम में 2012 में रखी गई थी। धर्म के प्रचार का उद्देश्य लेकर शुरू हुआ ये संगठन आतंकी गतिविधियों तक पहुंच गया। बताया जाता है किये पाकिस्तान के किसी आतंकी संगठन को फॉलो करते थे। हालांकि उसका नाम सामने नहीं आया है। ये संगठन स्लीपर सेल की तरह काम करता है।

40 से 45 युवाओं ने बनाया संगठन

यहां के 40 से 45 युवाओं ने मिलकर संगठन बनाया। इसकी स्थापना रतलाम के रहने वाले असजद, जुबैर और अन्य मुस्लिम युवाओं ने मिलकर की थी। इसका उद्देश्य समाज में इस्लाम का प्रचार करना और समाज में आई विकृति को दूर करना था। पता चला है कि ये लोग युवाओं धर्म के नाम पर बरगलाकर अपने संगठन में शामिल करते थे। धीरे-धीरे संगठन से रतलाम के 60 से 70 युवा जुड़ गए।

कपिल और तरुण मर्डर कांड से आए चर्चा में

रतलाम में सितंबर 2014 में कट्‌टरपंथियों ने उत्पात मचाया। शहर को कर्फ्यू में झोंक दिया था। कट्‌टरपंथियों ने महू रोड बस स्टैंड पर बजरंग दल नेता कपिल राठौड़ और उनकी होटल पर काम करने वाले पुखराज की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद संगठन चर्चा में आया। आरोपियों में संगठन का सैफुल्ला भी शामिल था।

तरुण हत्याकांड: 21 सितंबर 2017 की रात कॉलेज रोड पर लंबी गली निवासी हिंदू कार्यकर्ता तरुण सांखला की एक्टिवा सवार दो युवकों ने हत्या कर दी थी। पुलिस ने चिंगीपुरा निवासी अयाज पिता इदरीस, सलमान उर्फ पप्पन पिता हुसैन खान पठान को गिरफ्तार किया था। मामले में संगठन से जुड़े जुबैर और अल्तमस भी आरोपी थे।

संगठन के सदस्यों पर देशद्रोह का केस

2015 में एनआईए की टीम ने रतलाम में दबिश देकर ‘सूफा’ के असजद समेत 6 लोगों को अपनी गिरफ्त में लिया था। इनके पास से झगड़े का साहित्य और देश विरोधी गतिविधियों से जुड़े सभी दस्तावेज मिले थे। असजद शेरानी युवाओं को बरगलाते थे। लोगों से कहते थे कि मुस्लिमों पर अत्याचार हो रहा है। हमें आगे आना चाहिए। लोगों को हिंदुओं के खिलाफ भड़काते थे। ये लोग इंटरनेट पर आतंक और उसकी गतिविधियों से जुड़े वीडियो और कंटेंट सर्च करते थे।

स्लीपर सेल की तरह काम करते है सूफा

आतंकियों का ये संघ स्लीपर सेल की तरह काम करता है। यह संघ समाज में संप्रदायवादी सोच और तौर-तरीकों का सहायक है। इसने मुस्लिम समाज की शादियों और दूसरे कार्यक्रमों को हिंदू रीति-रिवाज बताकर विरोध किया था।

रतलाम जेल में भी संघ का करते थे प्रचार और रंगदारी

कपिल और तरुण हत्याकांड के अलावा देशद्रोह के मामले में रतलाम सर्किल जेल में बंद सूफा के सदस्य जेल में भी गैंग बनाकर रंगदारी करते थे। इसके बाद एहतियात के तौर पर इनको अलग-अलग जेलों में शिफ्ट किया गया था।