बालाघाट में मुख्यमंत्री को दिखाए गए काले झंडे

बालाघाट :- खुद को किसान पुत्र बताने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के राज में मध्य प्रदेश का किसान खून के आंसू रोने मजबूर है। किसानों की ऐसी ही विभिन्न मांगों को लेकर बालाघाट में किसान कांग्रेस के बैनर तले विरोध प्रदर्शन किया गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रवास को देखते हुए कांग्रेसियों ने काले झंडे दिखाए इसी बीच पुलिस ने बलपूर्वक प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया।

जनता को 158 करोड़ के विकास कार्यों की सौगात देने बालाघाट पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। किसानों की अनेक समस्याओं को लेकर किसान कांग्रेस के बैनर तले कांग्रेस जनों ने विरोध जताया और काले झंडे दिखाकर अपना आक्रोश जाहिर किया। प्रदेश सचिव अंशु अवस्थी प्रदेश महामंत्री सुखदेव मुनि कुतराहे और संयोजक अनिल बनोटा के नेतृत्व में सैकड़ों की तादाद में कांग्रेसी काले झंडे लेकर सड़कों पर उतरे और प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर किसानों के हितों की अनदेखी का आरोप लगाया।

कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया है कि सरकार की गलत नीतियों की वजह से बालाघाट और प्रदेश में किसानों की दुर्दशा हो रही है। किसान विरोधी नीतियों के कारण धान की सर्वाधिक पैदावार देने वाले किसान डीएपी, यूरिया के लिए दर-दर की ठोकरें खाने मजबूर हो रहे हैं। उन्होंने कहा है कि सहकारी समितियों के जरिए मिलने वाले खाद, डीएपी और यूरिया किसान प्राइवेट व्यापारियों से ओने पौने दामों पर खरीद कर लूट का शिकार हो रहे हैं।

प्रदर्शनकारी नेताओं ने कहा है कि धान पर मौसम की मार का भी प्रभाव पड़ रहा है वर्षा कम होने की स्थिति में किसानों को मजबूरन बिजली के पंप से जमीन की सिंचाई करना पड़ रही है और शासन की गलत नीति और बिजली विभाग की उदासीनता के चलते किसानों को बढ़ी हुई दर पर भी बिजली मुहैया नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में धान की एम एस पी जो 1868 से बढ़कर इस साल 2021-22 में 1940 की गई है यह भी महंगाई को देखते हुए बेहद कम है। महज 72 रुपये की बढ़ोतरी कर सरकार वाहवाही बटोरने में लगी है। जबकि इससे किसानों का कोई भी भला नहीं होने वाला।

सरकार पर तमाम आरोपों के साथ प्रदर्शनकारियों ने काले झंडे लहराते हुए मुख्यमंत्री मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। पुलिस सभी प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर बालाघाट के नवेगांव थाना ले गई। इस दौरान कांग्रेस जनों ने ऐलान किया है कि अगर सरकार उनकी मांगों पर विचार किसानों को राहत नहीं देगी तो वे अपने आंदोलन को और उग्र करने मजबूर होंगे।